आतंकवादियों के जरिए छद्म युद्ध नहीं चलेगा, अब गोली का जवाब गोले से देंगे: मोदी

आतंकवादियों के जरिए छद्म युद्ध नहीं चलेगा, अब गोली का जवाब गोले से देंगे: मोदी

भोपाल, 31 मई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को दो टूक कहा कि भारत अब आतंकवादियों के जरिए ‘‘छद्म युद्ध’’ कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी भी दी कि अब उन्हें (आतंकवादियों को) घर में घुसकर मारा जाएगा और अगर उधर से गोली चली तो जवाब गोले से दिया जाएगा।

लोकमाता देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती पर यहां आयोजित ‘महिला सशक्तीकरण महासम्मेलन’ में मोदी ने ‘सिंदूर’ को वीरता का प्रतीक करार दिया और पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को देश के इतिहास का सबसे बड़ा और सबसे सफल आतंकवाद विरोधी अभियान बताया।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर ने डंके की चोट पर कह दिया है कि आतंकवादियों के जरिए छद्म युद्ध नहीं चलेगा, अब घर में घुसकर भी मारेंगे और जो आतंकियों की मदद करेगा उसको भी इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अब भारत का एक-एक नागरिक कह रहा है, 140 करोड़ देशवासियों की बुलंद आवाज कह रही है कि अगर तुम गोली चलाओगे, तो मानकर चलो कि गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा।’’

इस महीने की शुरुआत में, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा मुरीदके शामिल हैं।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 लोगों की हत्या किए जाने की घटना के दो सप्ताह बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सैन्य हमले किए गए।

मोदी ने कहा, ‘‘भारत संस्कृति और परंपराओं का देश है और सिंदूर हमारी परंपरा में नारी शक्ति का प्रतीक है। राम भक्ति में लीन हनुमान जी भी सिंदूर लगाते हैं। हम शक्ति पूजा में सिंदूर चढ़ाते हैं। यह सिंदूर वीरता का प्रतीक बन गया है।’’

सिंदूर हिंदू महिलाओं की वैवाहिक स्थिति का प्रतीक है और 22 अप्रैल को पहलगाम नरसंहार के बाद सैन्य ऑपरेशन के नाम के रूप में इसका इस्तेमाल जोरदार तरीके से हुआ। पहलगाम के हमले में, आतंकवादियों ने पुरुषों को निशाना बनाया और उनका धर्म पूछने के बाद उन्हें मार डाला।

मोदी ने कहा, ‘‘पहलगाम में आतंकियों ने सिर्फ भारतीयों का खून ही नहीं बहाया, उन्होंने हमारी संस्कृति पर भी प्रहार किया है, उन्होंने हमारे समाज को बांटने की कोशिश की है। सबसे बड़ी बात आतंकवादियों ने भारत की नारी शक्ति को चुनौती दी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ये चुनौती आतंकवादियों और उनके आकाओं के लिए काल बन गई है। ऑपरेशन सिंदूर आतंकवादियों के खिलाफ भारत के इतिहास का सबसे बड़ा और सफल ऑपेरशन है। जहां पाकिस्तान की सेना ने सोचा तक नहीं था, वहां आतंकी ठिकानों को हमारी सेना ने मिट्टी में मिला दिया। सैंकड़ों किलोमीटर अंदर घुसकर मिट्टी में मिला दिया।’’

प्रधानमंत्री ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को नारी शक्ति के सामर्थ्य का भी प्रतीक बताया और इस अभियान में महिलाओं की भूमिका को भी रेखांकित किया।

उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी जानते हैं कि बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) की इस ऑपरेशन में कितनी बड़ी भूमिका रही है। जम्मू से लेकर पंजाब, राजस्थान और गुजरात की सीमा तक बड़ी संख्या में बीएसएफ की हमारी बेटियां मोर्चा संभाल रही थीं। उन्होंने सीमापार से होने वाली गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से लेकर दुश्मनों की चौकियों को ध्वस्त करने तक बीएसएफ की बेटियों ने अद्भुत शौर्य दिखाया है।’’

मोदी ने कहा कि स्कूल से लेकर युद्ध के मैदान तक आज देश अपनी बेटियों के शौर्य पर अभूतपूर्व भरोसा कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘नक्सलियों के खिलाफ अभियान हों या फिर सीमापार का आतंक हो... आज हमारी बेटियां भारत की सुरक्षा की ढाल बन रही हैं।’’

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर यह भी कहा कि इस बार 75 महिलाएं लोकसभा में चुनी गईं और उनका प्रयास इस संख्या को बढ़ाने का है।

उन्होंने कहा, ‘‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम के पीछे यही भावना है। संसद और राज्य विधानसभाओं में महिला आरक्षण अब हासिल हुआ है, जो लंबे समय से लंबित था।’’

नारी शक्ति वंदन अधिनियम एक ऐतिहासिक कानून है जिसका उद्देश्य लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में कुल सीट में से एक तिहाई सीट आरक्षित करना है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि भाजपा सरकार हर स्तर पर और हर क्षेत्र में हमारी बहनों और बेटियों को सशक्त बना रही है।’’

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आज दुनिया राष्ट्रीय रक्षा में भारत की बेटियों की क्षमता देख रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए भी सरकार ने पिछले दशक में कई कदम उठाए।"

‘नाविका सागर परिक्रमा-द्वितीय’ के सफल समापन के बाद स्वदेश लौटीं भारतीय नौसेना की लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए. और उनकी साथी लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नौसेना की दो बहादुर बेटियों ने लगभग 250 दिनों की समुद्री यात्रा पूरी की है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने मोटर से नहीं बल्कि हवा से चलने वाली नौका में हजारों किलोमीटर की यात्रा करके पृथ्वी की परिक्रमा की। कल्पना कीजिए कि 250 दिनों तक समुद्र में रहना कैसा होगा।’’

मोदी ने यह भी कहा कि अहिल्याबाई होलकर भारत की विरासत की संरक्षक थीं और उन्होंने देश के मंदिरों और तीर्थ स्थलों की रक्षा की जब उन पर हमला हो रहा था।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार ‘नागरिक देवो भव’ के मंत्र पर काम कर रही है जो अहिल्याबाई होलकर का दर्शन था।’’

अठारहवीं सदी के मालवा में होलकर राजवंश की रानी होलकर को उनके असाधारण शासन, सामाजिक कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता और संस्कृति और आध्यात्मिकता के प्रति योगदान के लिए याद किया जाता है।

इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी 300वीं जयंती के अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट और 300 रुपये का सिक्का जारी किया।