अमेरिका-कनाडा सीमा पर भारतीय परिवार के चार सदस्यों की मौत के मामले में दो मानव तस्करों को सजा
न्यूयॉर्क, 29 मई (भाषा) अमेरिका में मानव तस्करी गिरोह में शामिल दो लोगों को जेल की सजा सुनाई गई है। इस गिरोह के कारण जनवरी 2022 में एक भारतीय दंपति और उनके दो बच्चों की मौत हो गई थी।
हर्षकुमार रमनलाल पटेल (29) और सह-साजिशकर्ता स्टीव एंथनी शैंड (50) उस मानव तस्करी अभियान का हिस्सा थे, जो भारतीय नागरिकों को फर्जी छात्र वीजा पर कनाडा लाते थे और फिर उन्हें उत्तरी सीमा पार कर अमेरिका में अवैध तरीके से प्रवेश कराते थे।
अमेरिकी न्याय विभाग ने बुधवार को एक बयान में कहा कि फ्लोरिडा में रहने वाले भारतीय नागरिक रमनलाल पटेल को साजिश में उसकी भूमिका के लिए 10 साल, एक महीने की जेल की सजा सुनाई गई। उसे अमेरिका से निर्वासित कर दिया जाएगा। शैंड को छह साल, छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। रिहा होने के बाद उसे दो वर्ष तक निगरानी में रहना होगा।
जनवरी 2022 में एक परिवार के चार सदस्य जगदीश पटेल (39), वैशालीबेन पटेल (37), विहांगी पटेल (11) और धार्मिक पटेल (3) कनाडा-अमेरिका सीमा से लगभग 12 मीटर दूर, इमर्सन, मैनिटोबा के पास मृत पाए गए थे। वे अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे थे।
रमनलाल पटेल को मानव तस्करी की साजिश में शामिल होने के आरोप में 2024 में शिकागो के ओ'हारे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था।
मिनेसोटा जिले की कार्यवाहक अमेरिकी अटॉर्नी लीजा किर्कपैट्रिक ने कहा, ‘‘जब भी मैं इस मामले के बारे में सोचती हूं तो मुझे इस परिवार के दो खूबसूरत छोटे बच्चों और उनके माता पिता की याद आती है - जिन्हें प्रतिवादियों ने बर्फीले तूफान में मरने के लिए छोड़ दिया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि हमने बार-बार देखा है कि मानव तस्करों को मानवता की कोई परवाह नहीं है। मुझे इन अपराधियों को उनके जघन्य अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराने में हमारे कानून प्रवर्तन भागीदारों के काम पर गर्व है।’’
न्याय विभाग के आपराधिक प्रभाग के प्रमुख मैथ्यू आर गेलोटी ने कहा, ‘‘पटेल और शैंड ने अपने निजी लाभ के लिए हजारों लोगों के जीवन को खतरे में डाला और वे दो छोटे बच्चों की मौत के जिम्मेदार हैं।’’