सूरत के सांसद को सौंपा गया ज्ञापन: उत्राण रेलवे स्टेशन के विकास और ट्रेनों के ठहराव की उठी मांग
कल्पेश बारोट ने जताई नाराजगी, कहा उधना स्टेशन का विकास हो सकता है तो उत्राण क्यों नहीं?
सूरत। उत्राण रेलवे स्टेशन के विकास और वहां विभिन्न ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर सोमवार को पश्चिम रेलवे ज़ोनल रेलवे उपयोगकर्ता सलाहकार समिति (ZRUCC) के पूर्व सदस्य कल्पेश बारोट ने सूरत के सांसद मुकेश दलाल को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि अगर नवसारी लोकसभा सांसद अपने क्षेत्र में उधना रेलवे स्टेशन के सम्पूर्ण विकास के लिए सक्रिय हो सकते हैं, तो सूरत सांसद को भी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उत्राण स्टेशन के विकास के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए।
बारोट ने कहा कि उत्राण रेलवे स्टेशन को लेकर वे पिछले 15 वर्षों से लगातार रेलवे प्रशासन से संवाद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्टेशन के आसपास मोटा वराछा, कोसाडा, गणेशपुरा, छापराभाठा, अमरोली, वरियाव, वेलंजा, अब्रामा और कठोर जैसे घनी आबादी वाले इलाके आते हैं, जहां 10 से 15 लाख लोग निवास करते हैं। इन क्षेत्रों में सौराष्ट्र और उत्तर गुजरात से आने वाले प्रवासी नागरिकों की संख्या भी बड़ी है।
उन्होंने यह भी कहा कि इतनी बड़ी आबादी के बावजूद उत्राण स्टेशन से न तो मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें रुकती हैं और न ही पर्याप्त यात्री सुविधाएं उपलब्ध हैं। इससे नागरिकों को मजबूरी में सूरत या उधना स्टेशनों की ओर रुख करना पड़ता है, जिससे समय, पैसा और श्रम तीनों की बर्बादी होती है।
ज्ञापन में बारोट ने निम्नलिखित ट्रेनों को उत्राण स्टेशन पर ठहराव देने की मांग की है:।
19015/19016 मुंबई सेंट्रल-पोरबंदर सौराष्ट्र एक्सप्रेस
12929/12930 वलसाड-वडोदरा इंटरसिटी एक्सप्रेस,
59441/59442 अहमदाबाद-मुंबई एक्सप्रेस,
59049/59050 वडोदरा-वलसाड पैसेंजर,
69110 वडोदरा-सूरत मेमू
, 69197 भरूच-सूरत मेमू
, 22954 गुजरात सुपरफास्ट एक्सप्रेस,
19024 फिरोजपुर जनता एक्सप्रेस,
19060 सूरत-जामनगर एक्सप्रेस,
12929 वलसाड-दाहोद इंटरसिटी एक्सप्रेस।
कल्पेश बारोट ने सांसद मुकेश दलाल को दिए हुए ज्ञापन में कहा कि यदि आगामी 15 दिनों में रेलवे प्रशासन द्वारा इन मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है, तो 8 जून 2025 को उत्तरायण रेलवे स्टेशन पर ‘रेल रोको आंदोलन’ किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आंदोलन की जिम्मेदारी पूरी तरह संबंधित जनप्रतिनिधियों और रेलवे प्रशासन की होगी।
उत्राण स्टेशन के विकास की मांग को अब जनआंदोलन का रूप देने की चेतावनी के साथ कल्पेश बारोट ने रेलवे प्रशासन और स्थानीय सांसद पर दबाव बढ़ा दिया है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर क्या कार्रवाई होती है, यह देखना दिलचस्प होगा।