सूरत : आवारा श्वानों के लिए आश्रय और श्मशान घाट बनाने का प्रस्ताव नगर निगम को सौंपा गया
पशु प्रेमियों ने स्थायी समिति अध्यक्ष के समक्ष रखा प्रस्ताव, अहमदाबाद की तर्ज पर सुविधा विकसित करने की मांग
सूरत: शहर में प्रतिदिन आवारा श्वानों (डोग) को भोजन और देखभाल प्रदान करने वाले पशु प्रेमियों ने अब इन बेसहारा जीवों के लिए आश्रय गृह और श्मशान घाट बनाने की मांग उठाई है।
अबोलजीव चैरिटेबल ट्रस्ट के सदस्यों - भरत राणा, चेतन झवेरी, श्वेता देसाई, मोनिका बैद, सोनू मैत्रा (देसाई), संगीता परमार, शैलेश व्यास और रेशमा प्रजापति ने आज नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष राजन पटेल से मुलाकात कर उन्हें इस संबंध में एक विस्तृत प्रस्ताव सौंपा।
पशु प्रेमियों ने प्रस्तुतिकरण के दौरान बताया कि भीषण गर्मी और बरसात के मौसम में आवारा कुत्तों की स्थिति अत्यंत दयनीय हो जाती है। बीमारी और दुर्घटना की स्थिति में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नगर निगम द्वारा उनके लिए एक आश्रय गृह का निर्माण आवश्यक है।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने आवारा श्वानों की मृत्यु के बाद उनके अंतिम संस्कार की समस्या पर भी ध्यान आकर्षित किया। वर्तमान में, अधिकांश आवारा श्वानों को तापी नदी के किनारे दफनाया जाता है, जहाँ अक्सर अन्य कुत्ते उन्हें खोदकर निकाल लेते हैं।
इस अमानवीय स्थिति को समाप्त करने के लिए अबोलजीव चैरिटेबल ट्रस्ट ने सूरत नगर निगम से अहमदाबाद नगर निगम की तर्ज पर आवारा श्वानों के अंतिम संस्कार के लिए एक श्मशान घाट बनाने का विशेष अनुरोध किया है।
स्थायी समिति के अध्यक्ष राजन पटेल ने पशु प्रेमियों के इस प्रस्ताव पर सकारात्मक रुख दिखाया है, जिससे उम्मीद की जा रही है कि नगर निगम जल्द ही इस दिशा में उचित कदम उठाएगा।