ओज़ोन ग्रुप के पीछे की दूरदृष्टि और नेतृत्व: रियल एस्टेट और परोपकार में उत्कृष्टता का प्रतीक
अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश), मई 2: श्री प्रवीन मंगला एक ऐसे समाज के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं जहाँ हर व्यक्ति को सुखद जीवन के लिए आवश्यक मूलभूत सुविधाएं—रोटी, कपड़ा, मकान और उनके मौलिक अधिकार—सुलभ हों।
विदेश में बसने के विकल्प के बावजूद उनका आजीवन सपना भारत को उतना ही विकसित और रहने योग्य बनाना रहा है जितना कि कोई विकसित राष्ट्र होता है। उनकी मूल सोच एक ऐसे समुदाय को पोषित करने की है जहाँ स्वच्छ वायु, शुद्ध जल, हरियाली, शांति और अनुशासित जीवनशैली हो।
विनम्र शुरुआत और प्रारंभिक संघर्ष
हरियाणा के पलवल जिले के हसनपुर गांव में जन्मे श्री प्रवीन मंगला चार भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। उन्होंने व्यापार की बुनियादी समझ अपने पिता और बड़े भाई की कपड़े व औज़ार की दुकान पर काम करते हुए सीखी। सरल और मिलनसार स्वभाव के कारण वे हमेशा लोकप्रिय रहे। 1983 में उनका परिवार फरीदाबाद आ गया, जहाँ उनके पिता ने हार्डवेयर और प्लंबिंग सप्लाई का व्यवसाय शुरू किया।
1988 में जब प्रवीन दसवीं कक्षा में थे, उनके पिता की एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई। पढ़ाई के साथ-साथ वे अपना छोटा सा व्यवसाय भी चला रहे थे और साथ ही अपने भाइयों के क्लीनिंग बिज़नेस में भी मदद करने लगे। इस व्यस्त दिनचर्या के चलते उन्हें उच्च माध्यमिक शिक्षा बीच में ही छोड़नी पड़ी। 1991 और 1994 में व्यापार का विभाजन हुआ और प्रवीन ने स्वतंत्र रूप से काम करना शुरू किया। वह सेकंड-हैंड मोटरसाइकिल और ट्रेन से दिल्ली के चावड़ी बाजार जाते और वहां से सैनिटरी फिटिंग्स लाकर फरीदाबाद के रिटेलर्स को सप्लाई करते।
उद्यमिता की शुरुआत: सप्लायर से बिल्डर तक
लगन और मेहनत का फल जल्द ही मिला। छह महीनों के भीतर वे सप्लायर से स्टॉकिस्ट बन गए और उन्होंने 'पी. के. एंटरप्राइज़ेज़' नाम से अपना व्यवसाय शुरू किया। 1995 में उनकी शादी हुई और 1996 में उनके मित्र संजीव मदान उनके साझेदार बने। प्रवीन ने पब्लिक रिलेशन, मार्केटिंग और प्रोक्योरमेंट संभाला, जबकि संजीव तकनीकी और कानूनी पक्ष संभालते थे। यह साझेदारी पिछले 26 वर्षों से अधिक समय से चल रही है।
1998 तक उनका सैनिटरी व्यवसाय खूब फल-फूल रहा था। 2000 में उन्होंने ठेकेदारी का काम भी शुरू कर दिया और भिवानी में एक कॉलेज की बिल्डिंग में सैनिटरी फिटिंग्स का कार्य किया।
2002 में उन्होंने कंस्ट्रक्शन का कार्य शुरू किया, एक 250 वर्ग गज के प्लॉट पर दो मंज़िलें बनाईं। उनके प्रोजेक्ट तेजी से बढ़ने लगे—एक से दो, फिर चार, आठ और अंततः 16 प्लॉट्स, जिन पर तीन वर्षों में लगभग 200 फ्लैट्स का निर्माण हुआ।
ओज़ोन बिल्डर्स की स्थापना और टाउनशिप का विस्तार
2005 में उन्होंने Ozone Builders and Developers Pvt. Ltd. की स्थापना की। 2006 में उन्होंने अलवर (राजस्थान) में 'पार्क सिटी' नाम से एक टाउनशिप प्रोजेक्ट शुरू किया, और 2008 में सहस्त्रधारा (देहरादून) में रोपवे व रिसॉर्ट प्रोजेक्ट लॉन्च किया।
2009 में उन्होंने अलीगढ़ में Ozone City टाउनशिप की शुरुआत की। 2011 में फरीदाबाद में Ozone House का निर्माण शुरू हुआ। आर्थिक मंदी और कोविड जैसी चुनौतियों के बावजूद विकास निरंतर चलता रहा। 2024 तक पांच चरण पूरे हो चुके हैं और अन्य चरणों के लिए आवेदन दिए जा चुके हैं।
2022 में उन्होंने The Golden Estate लॉन्च किया—Ozone City के भीतर 12 एकड़ में फैली एक आलीशान, सुरक्षित, और आधुनिक सुविधाओं से युक्त आवासीय परियोजना। यह प्रोजेक्ट एक लग्ज़री रिसॉर्ट जैसी जीवनशैली प्रदान करता है जिसमें 5-स्टार कंसीयज सेवाएं भी उपलब्ध हैं। कई HNIs ने यहां निवास खरीदे, जिनमें भारतीय क्रिकेटर रिंकू सिंह पहले निवासी बने।
2024 में Samsara Apartments का निर्माण शुरू हुआ जिसमें 160 आधुनिक और किफायती फ्लैट्स शामिल हैं। यह Ozone City को अलीगढ़ की सबसे बड़ी और सबसे तेजी से विकसित होती टाउनशिप बनाता है।
2025 तक Ozone City में 800+ परिवार रह रहे हैं और कुल 2500+ यूनिट्स बेची जा चुकी हैं। पिछले 3 वर्षों में निवेशकों को 80% से अधिक पूंजीगत लाभ मिला है।