इंडसइंड बैंक ने सीईओ के इस्तीफे के बाद बैंक संचालन के लिए अधिकारियों की समिति गठित की
नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) इंडसइंड बैंक ने बुधवार को कहा कि उसके निदेशक मंडल ने मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुमंत कठपालिया के इस्तीफे के बाद बैंक के परिचालन की निगरानी के लिए ‘‘अधिकारियों की एक समिति’’ गठित की है।
कठपालिया ने वित्त वर्ष 2024-25 में लेखांकन चूक के कारण बैंक को 1,960 करोड़ रुपये का नुकसान होने की पृष्ठभूमि में इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए 29 अप्रैल 2025 को इस्तीफा दे दिया था।
इंडसइंड बैंक ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया, ‘‘ निदेशक मंडल ने बैंक के परिचालन की देखरेख के लिए ‘‘कार्यकारी समिति’’ का गठन किया है। बैंक नए प्रबंध निदेशक एवं सीईओ के कार्यभार संभालने तक या तीन महीने की अवधि तक इस समिति की देखरेख व मार्गदर्शन में काम करेगा।’’
निदेशक मंडल ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से मंजूरी मिलने के बाद कार्यकारी समिति का गठन किया है।
इस सप्ताह की शुरुआत में इंडसइंड बैंक ने शेयर बाजारों को सूचित किया था कि बैंक द्वारा नियुक्त बाह्य लेखा परीक्षक ने 31 मार्च तक लाभ व हानि पर 1,959.98 करोड़ रुपये का संचयी प्रतिकूल लेखांकन प्रभाव निर्धारित किया है, जो 15 अप्रैल को बताई गई राशि के लगभग समान है।
वहीं कठपालिया ने बैंक के निदेशक मंडल को भेजे इस्तीफे में कहा था, ‘‘मैं नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं, क्योंकि मेरे संज्ञान में विभिन्न कमीशन/चूक के कार्य लाए गए हैं। मैं अनुरोध करता हूं कि मेरे इस्तीफे को आज कामकाजी घंटों की समाप्ति पर स्वीकार किया जाए।’’
इससे पहले निजी क्षेत्र के इंडसइंड बैंक के उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुण खुराना ने इस्तीफा दे दिया था। खुराना बैंक के 'ट्रेजरी फ्रंट ऑफिस' के कामकाज की देखरेख करते थे, जहां लेनदेन निष्पादित करने और जोखिम प्रबंधन के लिए बाहरी ग्राहकों और बाजारों के साथ सीधे संपर्क किया जाता है।
खुराना ने सोमवार को बैंक के निदेशक मंडल को भेजे अपने इस्तीफे में कहा था, ‘‘ हाल के दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रमों को देखते हुए मैं तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं।’’
उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रमों के तहत आंतरिक वायदा एवं विकल्प सौदों के लिए गलत लेखांकन के चलते बैंक को हुए नुकसान का जिक्र किया।