सूरत में कपड़ा उद्योग को सशक्त बनाने हेतु चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा कौशल विकास पर सत्र आयोजित
टेक्सटाइल सेक्टर में नए अवसरों और तकनीकी कौशल की जरूरत पर विशेषज्ञों ने रखे विचार
सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसजीसीसीआई) की ओर से 22 अप्रैल, 2025 को समृद्धि, नानपुरा, सूरत में "कौशल विकास के माध्यम से कपड़ा क्षेत्र को सशक्त बनाना" विषय पर एक सत्र का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में भारत सरकार और गुजरात सरकार की कौशल विकास योजनाओं को सूरत के कपड़ा उद्यमियों और व्यापारियों तक पहुंचाने का प्रयास किया गया।
सत्र का आयोजन स्किल इंडिया, टेक्सटाइल सेक्टर स्किल काउंसिल, नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएसडीसी), जिला उद्योग केंद्र सूरत, तथा कपड़ा क्षेत्र की प्रमुख संस्थाओं जैसे फियास्वी और सास्मा के सहयोग से किया गया।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में जिला उद्योग केंद्र सूरत के महाप्रबंधक जे.बी. दवे और उमी-एलायंस के सीईओ चिराग डावर उपस्थित रहे। उन्होंने कपड़ा उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने और नई तकनीक को अपनाने के लिए कौशल विकास को अनिवार्य बताया।
टेक्सटाइल सेक्टर स्किल काउंसिल, नई दिल्ली की सीईओ डॉ. स्वप्ना मिश्रा और राष्ट्रीय कौशल विकास केंद्र गुजरात के अधिकारी राकेश कुमार ने उद्योगपतियों को विभिन्न सरकारी योजनाओं जैसे डिजिटल स्किल इंडिया, एनएपीएस, मुख्यमंत्री अप्रेंटिसशिप योजना आदि की जानकारी दी।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि कताई से लेकर तकनीकी वस्त्र तक कुल 77 से अधिक पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं, जिनसे प्रशिक्षण प्राप्त कर कर्मचारी और उद्यमी रीसाइक्लिंग जैसे नवाचार क्षेत्रों में भी उत्कृष्टता प्राप्त कर सकते हैं।
महाप्रबंधक जे.बी. दवे ने कहा कि, "हमें न केवल कपड़ा प्रसंस्करण में कौशल विकसित करना है, बल्कि मशीनरी निर्माण में भी आत्मनिर्भर बनना होगा।" उन्होंने पीएम मित्र पार्क के आसपास एकीकृत कपड़ा मूल्य श्रृंखला के विकास और स्थानीय रोजगार सृजन की अपील की।
चैंबर ऑफ कॉमर्स के नव-निर्वाचित अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने कहा कि कौशल विकास अब विकल्प नहीं, बल्कि उद्योग की आवश्यकता बन चुका है।" उन्होंने कहा कि आधुनिक टेक्सटाइल उद्योग में एआई-आधारित डिजाइनिंग, स्वचालित मशीनें जैसे नए क्षेत्रों में श्रमिकों को प्रशिक्षित करना जरूरी है।
उमी-एलायंस के सीईओ चिराग डावर ने कहा कि, "तकनीक के साथ चलने के लिए लोगों को लगातार शिक्षित करना होगा। भारत के पास प्रतिभा है, उसे बस सही दिशा की ज़रूरत है।"
एफआईएएसआई (फियास्वी) के अध्यक्ष भरत गांधी ने वस्त्र उद्योग में कौशल विकास के महत्व के बारे में जानकारी दी। चैंबर के जीएफआरआरसी के अध्यक्ष गिरधर गोपाल मुंदड़ा ने कहा कि कौशल विकास से आर्थिक सशक्तिकरण होगा। यदि कारीगर अधिक कुशल हो जाएं तो वस्त्र उद्योग वैश्विक प्रतिस्पर्धा में जीवित रह सकेगा।
सत्र का संचालन जीएफआरआरसी के सह-अध्यक्ष अमरीश भट्ट ने किया और सभी वक्ताओं का परिचय कराया। इस अवसर पर चैंबर के पूर्व अध्यक्ष प्रफुल शाह, महेन्द्र काजीवाला सहित अनेक उद्यमी और व्यापारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का समापन चैंबर के नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष अशोक जीरावाला द्वारा आभार प्रदर्शन के साथ किया गया।