सूरत : अदाणी पावर ने वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही के नतीजों की घोषणा की
अदाणी पावर ने अपने विकास के अगले चरण की ओर कदम बढ़ाया है
सूरत, 28 अक्टूबर 2024: अदाणी पावर लिमिटेड ने 30 सितंबर 2024 को समाप्त दूसरी तिमाही के वित्तीय परिणामों की घोषणा की।
अदाणी पावर लिमिटेड के सीईओ, एस बी ख्यालिया ने कहा, “अदाणी पावर ने अपने विकास के अगले चरण की ओर कदम बढ़ाया है, तेजी से अपनी क्षमता विस्तार करने के लक्ष्यों को हासिल करते हुए दीर्घकालिक राजस्व स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए बिजली आपूर्ति समझौतों को सुरक्षित किया है। कंपनी अपने मजबूत परिचालन और वित्तीय प्रदर्शन के लिए अपनी विशेषताओं और प्रतिस्पर्धात्मक फायदों का लाभ उठा रही है। इसकी विविध क्षमताएं और वित्तीय मजबूती विकास के लिए एक ठोस आधार प्रदान करती हैं, जिससे यह भारत के आर्थिक विकास में विश्वसनीय, टिकाऊ और किफायती बिजली आपूर्ति के जरिए योगदान कर सके। इसके साथ ही, हम अपनी हाल ही में अधिग्रहीत समस्याग्रस्त बिजली संयंत्रों को तेजी से पटरी पर लाने के लिए अपनी क्षमताओं का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में बिजली की मांग पिछले साल की तुलना में लगभग स्थिर रही। इसका मुख्य कारण मौसम की स्थिति थी, जैसे कि बारिश का देर से आना और लंबी अवधि तक चलना, जिसने मांग को प्रभावित किया। इसके बावजूद, 30 सितंबर 2024 तक वित्त वर्ष 2024-25 की संचयी मांग वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही की तुलना में 5% बढ़ी। बढ़ती पिक डिमांड के कारण थर्मल पावर सेक्टर से बिजली उठाव में भी सुधार हुआ ताकि कम ऊर्जा उत्पादन के समय निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
बिजनेस अपडेट्स
30 सितंबर 2024 तक एपीएल ने 17,550 मेगावाट की परिचालन क्षमता हासिल की है, जिसमें 2,300 मेगावाट की नई क्षमता शामिल है:
500 मेगावाट (2x250) - अदाणी दहानू थर्मल पावर स्टेशन (एडीटीपीएस), 30 सितंबर 2024 को एक बिजनेस ट्रांसफर एग्रीमेंट के तहत अधिग्रहीत किया गया।
600 मेगावाट (2x300) - लैंको अमरकंटक पावर लिमिटेड (एलएपीएल), जिसे 6 सितंबर 2024 को इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) के तहत कॉर्पोरेट इनसॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोसेस (सीआईआरपी) में अधिग्रहित किया गया। अधिग्रहण के बाद इसका नाम बदलकर कोरबा पावर लिमिटेड (केपीएल) कर दिया गया।
1,200 मेगावाट (2x600) - कोस्टल एनर्जन प्राइवेट लिमिटेड (सीईपीएल), जो 31 अगस्त 2024 को आईबीसी के तहत सीआईआरपी में अधिग्रहीत हुआ। सीईपीएल को अधिग्रहण के समय मोक्सी पावर जेनरेशन लिमिटेड (एमपीजीएल) के साथ विलय कर दिया गया, जिसमें एपीएल की 49% हिस्सेदारी है।
महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड से एपीएल को 25 साल के लिए 1,496 मेगावाट (शुद्ध) बिजली आपूर्ति का पत्र प्राप्त हुआ है, जिसे एक नए 2x800 मेगावाट (1,600 मेगावाट) अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट से सप्लाई किया जाएगा।
वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही और पहली छमाही के प्रमुख ऑपरेटिंग हाइलाइट्स
अधिग्रहण के बाद एमपीजीएल और केपीएल के पावर प्लांट से आपूर्ति की गई बिजली ने वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही और पहली छमाही में कुल बिजली वितरण वृद्धि में योगदान दिया है। इसमें 30 सितंबर 2024 को अधिग्रहित एडीटीपीएस का प्रदर्शन शामिल नहीं किया गया है।
वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही और पहली छमाही में व्यापारी बिक्री में पिछले साल की तुलना में काफी वृद्धि देखी गई, इसका कारण बिजली की बढ़ती मांग और कंपनी के प्रतिस्पर्धी लाभ हैं। बिजली खरीद समझौतों (पीपीए) के तहत भी डिस्कॉम की मजबूत मांग, कम ईंधन लागत और गोड्डा पावर प्लांट के पूर्ण अवधि संचालन के कारण दोनों अवधियों में बिजली उठाव में वृद्धि हुई है।
वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही और पहली छमाही के प्रमुख फाइनेंशियल हाइलाइट्स
वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही और पहली छमाही के राजस्व में सितंबर 2024 के महीने में अधिग्रहण के बाद से एमपीजीएल और केपीएल की हिस्सेदारी शामिल है। एडीटीपीएस का राजस्व शामिल नहीं है, क्योंकि इसे 30 सितंबर 2024 को अधिग्रहित किया गया था।
वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में ऑपरेटिंग राजस्व में वृद्धि 19.1% रही, जो मात्रा में वृद्धि की तुलना में कम रही। इसका कारण आयातित कोयले की कीमतों में कमी के कारण कम मिश्रित टैरिफ है। इसी प्रकार, वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में भी ऑपरेटिंग राजस्व वृद्धि 9.1% रही।
ईंधन लागत में कमी के साथ-साथ ऑपरेटिंग खर्च में कटौती और अधिक वॉल्यूम के कारण पॉजिटिव ऑपरेटिंग लिवरेज के कारण वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही की तुलना में वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में 38.3% की मजबूत एबिटडा वृद्धि जारी रही। इसी तरह, वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही की तुलना में वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में 24.6% की एबिटडावृद्धि जारी रहना कम ईंधन और परिचालन व्यय और पॉजिटिव ऑपरेटिंग लिवरेज के कारण था।
क्षमता में वृद्धि के बावजूद वित्तीय लागत में कमी आई, जिसका कारण कर्ज में कटौती और कम ब्याज दर है।
वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में कर पूर्व लाभ में 69% और वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में 44.8% की वृद्धि हुई, जो बेहतर ऑपरेटिंग प्रोफिटेबिलिटी और कम लागत के कारण है।
वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में पिछली अवधि के मदों से एकमुश्त राजस्व मान्यता ₹1,020 करोड़ रही, जबकि प्रमुख रेगुलेटरी मामलों के समाधान और डिस्कॉम से बकाया वसूली के बाद वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में यह ₹9,278 करोड़ थी ।
इसी प्रकार, वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में एकमुश्त राजस्व ₹598 करोड़ रहा, जबकि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में यह ₹2,781 करोड़ था।
वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में टैक्स के खर्च में वृद्धि, जिसमें स्थगित कर खर्च ₹1,829 करोड़ शामिल है, जबकि वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में स्थगित कर क्रेडिट ₹1,330 करोड़ था। इसी प्रकार, वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में कर खर्च ₹837 करोड़ रहा, जबकिवित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में स्थगित कर क्रेडिट ₹1,371 करोड़ था।
ईएसजी परफॉरमेंस
वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में एपीएल का वाटर इंटेंसिटी परफॉरमेंस 2.07 क्यूबिक मीटर प्रति मेगावाट रहा, जो 3.5 क्यूबिक मीटर प्रति मेगावाट की कानूनी सीमा से काफी कम है।
एपीएल ने वर्कफोर्स डिस्क्लोजर इनिशिएटिव (डब्ल्यूडीआई) के तहत 95% डिस्क्लोजर स्कोर हासिल किया है और इसे डब्ल्यूडीआई अवार्ड और मोस्ट इम्प्रूव्ड कैटेगरी में नामित किया गया है। इसे कंटिंजेंट वर्कफोर्स डेटा और वर्कफोर्स एक्शन कैटेगरी में विशेष उल्लेख भी प्राप्त हुआ है।