इंदौर : इतिहास के पन्नों में 28 सितंबरः स्वर कोकिला लता मंगेशकर का जन्म
भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान 'भारतरत्न' से सम्मानित किया था
इंदौर। 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में सबसे बड़ी बेटी के रूप में पंडित दीनानाथ मंगेशकर के मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मी सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर ने आगे चलकर अपनी रेशमी आवाज से भारतीय उपमहाद्वीप के साथ पूरी दुनिया को मुरीद बना लिया। टाईम पत्रिका ने उन्हें भारतीय पार्श्वगायन की अपरिहार्य और एकछत्र साम्राज्ञी के रूप में स्वीकार किया। भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान 'भारतरत्न' से सम्मानित किया था।
लता दीदी के रूप में अपने चाहने वालों के बीच लोकप्रिय लता मंगेशकर का छह दशक से अधिक सुरों का सफर महान उपलब्धियों से भरा है। उन्होंने 30 से ज्यादा भाषाओं में 30000 से अधिक फिल्मी और गैर-फिल्मी गाने गाये। उन्होंने पहला गाना 1942 में मराठी फिल्म 'किती हसाल' में गाया था। 1947 में वसंत जोगलेकर ने अपनी फिल्म -आपकी सेवा में- में लता को गाने का मौका दिया। उन्हें पहला बड़ा ब्रेक 1949 में फिल्म महल में मिला जिसमें उनका गाया "आयेगा आने वाला" जबर्दस्त हिट हुआ। यह गाना खूबसूरत चर्चित अभिनेत्री मधुबाला पर फिल्माया गया था।
लता मंगेशकर ही एकमात्र ऐसी जीवित व्यक्ति थीं, जिनके नाम से पुरस्कार दिए जाते हैं। लताजी ने फिल्मी गायन पर ऐसी छाप छोड़ी जिसकी चमक सदियों तक बनी रहेगी। उनके परिवार में भाई हृदयनाथ मंगेशकर और बहनें उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और आशा भोंसले सभी ने संगीत के सफर को ही चुना।