सूरत : उत्तर भारत की मंडियों में चुनरी की मांग अधिक, नवरात्रि में होता है 70 से 80 करोड़ का कारोबार
लंदन, यूके, यूएस, दुबई में भी होती है वीविंग एवं प्रिंटेड चुनरी की मांग : दीपक झंवर
औद्योगिक नगरी सूरत में तैयार होने वाले कपड़ों की मांग तो वैसे देश के सभी मंडियों में हर समय रहती है, लेकिन कुछ विशेष सीजन में अमुक कपड़ों की मांग अधिक होती है। नवरात्रि महोत्सव में चुनरी की मांग अधिक रहती है। इस दौरान मंदिरों से लेकर कन्यापूजन के अलावा धार्मिक प्रसंगों में महिलाओं के लिए पहने जाने वाले चुनरी की मांग अधिक रहती है। सूरत में तैयार होने वाली चुनरी साड़ी एवं पूजन में उपयोग होने वाले छोटी-बड़ी चुनरी सहित नवरात्रि के दौरान तकरीबन 70 से 80 करोड़ की सप्लाई उत्तर भारत के विविध राज्यों की मंडियों में की जाती है।
सूरत टेक्सटाइल मार्केट के कपड़ा उद्यमी एवं विशेष कर चुनरी कारोबारी दीपक झंवर ने लोकतेज से बताया कि नवरात्रि दरम्यान उत्तर भारत में पूजा एवं धार्मिक प्रसंगों में चुनरी पहनने का प्रचलन है। चुनरी की मांग तो ज्यादा नहीं है लेकिन सभी रिटेलर को सेगमेंट तो रखना ही पड़ता है। इसलिए चुनरी दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश आदि राज्यों की मंडियों में चुनरी की मांग खूब होती है। यही नहीं बल्कि विदेशों में रह रहे भारतीय में भी वीविंग एवं प्रिंटेड चुनरी की मांग रहती है।
पिछले 12-13 वर्षों से कारोबार कर रहे दीपक झंवर ने बताया कि हमारे यहां तैयार होने वाली 600 से 2600 रुपये रेंज वाली चुनरी की लंदन, यूके, यूएस, दुबई आदि देशों में भी सप्लाई की जाती है। विदेशों में रह रहे भारतीयों के बीच वीविंग एवं प्रिंटेड चुनरी की मांग रहती है। उन्होंने बताया कि नवरात्रि में हमारा तो कारोबार डेढ़ से 2 करोड़ का होता है, लेकिन सूरत से कुल 70 से 80 करोड़ का कारोबार नवरात्रि में होता है। जबकि पूरे साल में 10 गुना अधिक यानी 700 से 800 करोड़ कारोबार होता है।
चुनरी की मांग उत्तरप्रदेश-बिहार में अधिक : धीरज जालान
सरोली के रघुवीर टेक्सटाइल मार्केट में खूब सूरत सिल्क के नाम से चुनरी का कारोबार करते धीरज जालान ने लोकतेज से बताया कि नवरात्रि के समय चुनरी की मांग खूब रहती है। सूरत में तकरीबन 25 से 30 कपड़ा व्यापारी चुनरी के कारोबार से जुड़े हुए हैं। हमारे यहां 35 रुपए से लेकर 1200 रुपये रेंज की चुनरी तैयार की जाती है। दो मीटर की छोटी चुनरी से लेकर महिलाओं को पहनने वाली चुनरी (साड़ी) हमारे यहां उपलब्ध है। सूरत के अलावा उत्तर भारत के सभी राज्यों विशेष कर उत्तर प्रदेश, बिहार में चुनरी की मांग अधिक रहती है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर, इलाहाबाद (प्रयाग) एवं बिहार के गया एवं पटना की मंडियों में हमारे यहां से सप्लाई की जाती है। पिछले 10 सालों से कारोबार कर रहे धीरजभाई ने बताया कि हाल के दिनों में बाहर की मंडियों में में चुनरी की खूब मांग है। नवरात्रि के दौरान तकरीबन 7 से 8 करोड़ का कारोबार हो जाती है।