सूरत : विश्वास रखना और विश्वासपात्र होना जीवन की प्रेरक शक्ति है : कानजी भालाडा
आत्मविश्वास जीवन की शक्ति है और प्रगति को प्रेरित करता है
लोगों को मन से मजबूत और अच्छे जीवन के लिए जागृत करने के उद्देश्य से श्री सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज सूरत की ओर से हर गुरुवार को विचार रखे जाते हैं। गुरुवार 1/08/2024 को वराछा बैंक सभागार में आयोजित 72वें गुरुवार विचार कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष कानजीभाई भालाडा ने कहा कि अवसाद (डिप्रेशन) आज मनुष्य को प्रभावित करने वाली एक प्रमुख बीमारी है। उसका अक्सीर दवा आत्मविश्वास है। किसी अनजान व्यक्ति या वस्तु पर भरोसा क्यों करें? हम ऐसे सहज बोलते हैं..भरोसा यानी विश्वास, खुद पर विश्वास का मतलब है 'आत्मविश्वास' और जब आत्मविश्वास कम हो जाता है तो जीवन में समस्याएं खड़ी हो जाती हैं और उनके समाधान के लिए जीवन में स्वास्थ्य-संपत्ति और खुशी के सवाल खड़े हो जाते हैं। हर सफल व्यक्ति आत्मविश्वास से भरा होता है। किसी व्यक्ति के पास कितना ज्ञान है? इसकी तुलना में ज्ञान पर आत्मविश्वास कितना? यह अधिक महत्वपूर्ण है।
श्री भालाडा ने एक नया विचार देते हुए कहा, आत्मविश्वास जीवन की शक्ति है जो प्रगति की प्रेरणा देती है। मनुष्य दूसरों पर विश्वास किये बिना नहीं रह सकता। इसी प्रकार विश्वसनीय बने बिना कोई भी व्यक्ति आत्मसम्मान के साथ नहीं रह सकता। इसलिए आपसी विश्वास जीवन को गति देता है। विश्वास रखना और विश्वासपात्र बनना यह जीवन की प्रेरक शक्ति है। आत्मविश्वास एक मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति है। यह आत्म-विश्वास ही है जो मनुष्य को जोश, साहस और निर्भीकता प्रदान करता है। आत्मविश्वास ही मनुष्य की असली ताकत है। व्यक्ति को आत्मविश्वास विकसित करने के लिए सचेत प्रयास करने की आवश्यकता है। खुद को जानना.. आत्मविश्वास पैदा करने की पहली शर्त है। 'मैं यह कर सकता हूँ' सकारात्मक दृष्टिकोण ही व्यक्ति को प्रगति कराता है। इसलिए जो व्यक्ति आत्मविश्वास से लबरेज होता है वह अधिक सफल होता है। इसलिए व्यक्ति को अपने अंदर आत्मविश्वास पैदा करना चाहिए। खुद पर भरोसा रखते हुए लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
यह आत्म-विश्वास ही है जो मनुष्य को उत्साह, साहस और निर्भीकता प्रदान करता है : कानजी भालाडा
श्री भालाडा ने आत्मविश्वास कैसे विकसित करें इसकी समझ देते हुए कहा कि आत्मा यानी मन जहां रहता उस शरीर को स्वस्थ रखना है। प्रार्थना आत्मा का भोजन है, इसलिए मन को मजबूत करने के लिए प्रार्थना और आत्मा को शक्तिशाली बनाने के लिए योग-प्राणायाम करना चाहिए। सकारात्मक दृष्टिकोण-व्यवहार से आत्मविश्वास बढ़ता है। आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए आदतों को थोड़ा-थोड़ा करके बदलने और छोटे-छोटे लक्ष्य हासिल करने तथा आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता पैदा करने के लिए व्यक्ति को हमेशा करुणा और सहानुभूति के साथ रहना चाहिए।
सही दिशा में साहस के साथ आत्मविश्वास ही सफलता की कुंजी है : चिराग नाकरानी
इस अवसर पर रेजोन सोलार प्रा.लि. लिमिटेड के निदेशक एवं युवा उद्यमी चिराग नाकरानी एवं हार्दिक कोठिया विशेष रूप से उपस्थित थे। सफल युवा प्रतिभा चिरागभाई नाकरानी ने कहा कि प्रगतिशील होने के लिए आत्मविश्वास बहुत जरूरी है। साथ ही रेजोन सोलार की सफल यात्रा के दौरान उन्होंने युवा उद्यमियों को मन से मजबूत होने का मार्गदर्शन किया। उन्होंने आगे कहा कि दुनिया विश्वास पर टिकी है और इंसान आत्मविश्वास पर टिका है। आत्मविश्वास का अर्थ है अपने कार्य के प्रति अटूट विश्वास। जिसके पास आत्मविश्वास है उसकी हार में भी जीत होती है। ज्ञान के साथ दृढ़ विश्वास, मनोबल, साधन, और साहस के बिना कोई भी सफलता की ऊंचाइयों पर नहीं चढ़ सकता और सफलता का स्वाद तभी मीठा होगा जब उसने ईमानदारी से काम किया हो। मेहनत भी सही और योग्य दिशा में साहस के साथ करना चाहिए।
तैराकी प्रतियोगिता में 74 वर्षीय चैंपियन दादा का सम्मान
मन की ताकत और आत्मविश्वास से 64 साल तक खुले पानी में तैरना सीखकर कई पदक प्राप्त करने वाले 74 वर्षीय तैराकी चैंपियन रणछोड़भाई कानजीभाई सवाणी का अभिनंदन किया गया। मूलतः मालपराना के रहने वाले और जल आपूर्ति विभाग से सेवानिवृत्त होने के बाद सक्रिय आर. के. सवानी ने विभिन्न तैराकी प्रतियोगिताओं में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीते हैं और चैंपियन बने हैं। यदि व्यक्ति का मन दृढ़ हो तो उम्र का उस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। आगे कहा जाता है कि तैरते समय जब हम पानी में गोता लगाते हैं तो हमारा रक्त संचार इतना बढ़ जाता है कि हमारी सारी चिंताएं और तनाव दूर हो जाते हैं और आत्मविश्वास बढ़ाकर शरीर थोड़ा रिलेक्स कर देता है।
नए दाता ट्रस्टी का किया स्वागत
इस कार्यक्रम में रेज़ोन सोलार के दूसरे युवा निदेशक हार्दिकभाई अशोकभाई कोठिया ने श्री सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज सूरत के डोनर ट्रस्टी बनकर 21 लाख का दान देने का अच्छा निर्णय लिया है। इसके लिए संस्था के ट्रस्टियों ने उन्हें बधाई दी। गत गुरुवार का विचार रखते हुए श्रीमती हंसाबेन कात्रोड़िया ने कहा, ''संस्कृति'' ही मनुष्य को जीना सिखाती है। संपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन युवा टीम द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम का संचालन हार्दिक चांचडे द्वारा किया गया।