गांधीनगर : विश्व युवा कौशल दिवस, गुजरात में किसानों तथा किसान पुत्रों को 1200 रुपये में दिया जायेगा ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय से ड्रोन उत्पादन का टाइप सर्टिफिकेट हासिल करने वाली देश की पहली यूनिवर्सिटी
'कौशल के साथ शिक्षा’ के उद्देश्य से ‘स्किल स्मार्ट’ अध्ययन के जरिए राज्य के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कौशल्या- द स्किल यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई है। राज्य में नागरिकों को समय की मांग के अनुसार कौशल प्रशिक्षण देने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है। गुजरात में किसानों तथा किसान पुत्रों को मामूली दर पर ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण देने की योजना है। इसके अंतर्गत उन्हें 1200 रुपये की दर से ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
19 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में शुरू होगा पायलट प्रशिक्षण
कौशल्या स्किल यूनिवर्सिटी ने कलोल में रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन (आरटीपीओ) कार्यरत किया है। आगामी समय में पायलट प्रशिक्षण की मांग को पूरा करने के लिए शीलज कैम्पस में नया आरटीपीओ शुरू करने की मंजूरी दी गई है। इसके अलावा 19 और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में प्रशिक्षण शुरू करने की प्रक्रिया जारी है।
इन नए संस्थानों में किसानों और किसान पुत्रों को 1200 रुपये की मामूली दर पर ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण दिया जाएगा। आम तौर पर निजी क्षेत्र में यह प्रशिक्षण 50 से 60 हजार रुपये में दिया जाता है। आज के दौर में कृषि क्षेत्र में ड्रोन के माध्यम से रासायनिक खाद और कीटनाशकों के छिड़काव की बड़ी मांग है। वर्तमान में जिस परम्परागत पद्धति के अनुसार पम्प के जरिए छिड़काव किया जाता है, उससे किसानों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ड्रोन से छिड़काव के कारण कीटनाशक दवा और खाद की बचत होती है और साथ ही पूरे खेत में आवश्यक मात्रा में छिड़काव होने से खेत उत्पादन में भी बढ़ोतरी देखने को मिलती है।
ड्रोन उत्पादन का टाइप सर्टिफिकेट, ड्रोन मंत्रा लैब में 100 ड्रोन का निर्माण
अभी यूनिवर्सिटी में अलग-अलग 6 संकायों के माध्यम से सर्टिफिकेट कोर्स से लेकर पीएचडी स्तर तक के पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं। इनमें से ड्रोन क्षेत्र की संपूर्ण कुशलता को कवर करने वाले ‘स्कूल ऑफ ड्रोन’ पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने कौशल्या यूनिवर्सिटी के अहमदाबाद में कार्यरत ड्रोन मंत्रा लैब को ड्रोन उत्पादन के लिए टाइप सर्टिफिकेट दिया है। यह देश की पहली यूनिवर्सिटी है, जिसने ऐसा सर्टिफिकेट प्राप्त किया है। अहमदाबाद के रायपुर में स्थित ड्रोन मंत्रा लैब में 100 ड्रोन का उत्पादन भी किया गया है। यहां बनाए गए ड्रोन छोटी श्रेणी के ड्रोन हैं, जिसे ‘कौशल्या ड्रोन’ नाम दिया गया है।
यूनिवर्सिटी में निर्मित ड्रोन का उपयोग राज्य के अन्य जिलों में ड्रोन पायलट प्रशिक्षण सुविधा के विस्तार के लिए किया जाएगा।