सूरत : आवास निवासियों की मांग, 'मानसून के बाद आवास खाली करें और वैकल्पिक व्यवस्था करें'

जर्जर मकानों को खाली कराने का नोटिस, वैकल्पिक व्यवस्था की मांग के साथ कलेक्टर को ज्ञापन

सूरत : आवास निवासियों की मांग,  'मानसून के बाद आवास खाली करें और वैकल्पिक व्यवस्था करें'

सचिन-पाली इलाके में एक जर्जर इमारत गिरने से 7 लोगों की मौत के बाद प्रशासन ने जर्जर मकानों को खाली कराने की मुहिम शुरू कर दी है। इसी क्रम में कनकपुर कंसाड में 27 साल पहले बनाए गए गुजरात हाउसिंग बोर्ड के मकानों को खाली करने का नोटिस दिया गया है। इन मकानों को जर्जर घोषित कर दिया गया है।

लेकिन, इन मकानों में रहने वाले लोगों का कहना है कि बरसात के मौसम में उन्हें कहां जाएंगे? उन्होंने मांग की है कि मानसून खत्म होने के बाद ही उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था मुहैया कराई जाए और उसके बाद ही वे मकान खाली करेंगे।

इस मांग को लेकर कंसाड के निवासी कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और हंगामा भी किया। उन्होंने कहा कि अगर जर्जर मकानों को खाली करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है तो इस सूची में सूचीबद्ध 296 और 2370 मकानों के निवासी जिनकी आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है, उनके पास इतनी अधिक कीमत पर अन्यत्र मकान किराये पर लेने की क्षमता नहीं है।

सूरत नगर निगम युद्ध स्तर पर इडब्लूएस आवास, मुख्यमंत्री आवास, प्रधानमंत्री आवास या पतराना सेड बनाकर वैकल्पिक व्यवस्था करे।
यदि सूरत नगर निगम द्वारा कमरे उपलब्ध नहीं कराए जाते हैं, तो पुनर्विकास तक सभी प्रभावितों को मासिक कमरे का किराया भुगतान किया जाना चाहिए।
सचिन स्लम क्लीयरेंस बोर्ड में वर्षों से रह रहे सभी 2666 प्लॉट धारकों को "सौनो साथ सौनो विकास" के फार्मूले के अनुसार समान न्याय दिया जाए।
गुजरात हाउसिंग बोर्ड और सूरत नगर निगम एक दुसरे के समन्वय से प्रभावित लोगों के लिए एक संयुक्त अभियान चलाने और प्रभावित लोगों के लिए क्रमिक पुनर्वास प्रक्रिया शुरू करें।

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