सूरत : SMC के विंड प्रोजेक्ट से दोगुना रिटर्न, 258 करोड़ के 6 बिजली संयंत्रों से 440 करोड़ की कमाई
सूरत देश में अग्रणी पवन ऊर्जा उत्पादन निगम है, 7वीं पवन परियोजना मोरबी में स्थापित करने जा रहा है
सूरत नगर निगम (एसएमसी) ने अपनी पवन ऊर्जा परियोजनाओं से शानदार सफलता हासिल की है। 258 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित छह पवन ऊर्जा संयंत्रों से 440 करोड़ रुपये की कमाई हुई है, जो निवेश पर दोगुना रिटर्न दर्शाता है। यह उपलब्धि एसएमसी को देश में सबसे आगे रखती है, न केवल गुजरात में, बल्कि पवन ऊर्जा उत्पादन के मामले में।
अक्षय ऊर्जा की ओर कदम:
सूरत, जो डायमंड सिटी, टेक्सटाइल सिटी और सोलर सिटी के रूप में अपनी पहचान रखता है, अब पवन ऊर्जा उत्पादन में भी अग्रणी बन गया है। एसएमसी ने न केवल बिजली बिलों में बचत की है, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन भी किया है, जो पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है।
विभिन्न परियोजनाएं, शानदार परिणाम:
एसएमसी ने 2010 से 2014 तक गुजरात के विभिन्न स्थानों में छह पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए हैं। इनमें से प्रत्येक परियोजना ने शानदार परिणाम दिए हैं:
- अडोदर (2010): 3 मेगावाट, 18.44 करोड़ रुपये का निवेश, 50.30 करोड़ रुपये का लाभ
- जामनगर (2013): 8.40 मेगावाट, 43.93 करोड़ रुपये का निवेश, 90.83 करोड़ रुपये का लाभ
- पोरबंदर (2014): 6.30 मेगावाट, 41.52 करोड़ रुपये का निवेश, 46.80 करोड़ रुपये का लाभ
- नखत्राणा (कच्छ) (2014): 12.60 मेगावाट, 90.60 करोड़ रुपये का निवेश, 60.90 करोड़ रुपये का लाभ
आगे की योजनाएं:
एसएमसी अपनी सफलता पर विराम नहीं लगा रहा है। मोरबी में 6.3 मेगावाट क्षमता वाली एक नई पवन ऊर्जा परियोजना स्थापित करने की योजना है। 56 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना से सालाना 10.50 करोड़ रुपये की आय होने की उम्मीद है।
निष्कर्ष:
एसएमसी का पवन ऊर्जा प्रोजेक्ट न केवल एक आर्थिक सफलता है, बल्कि यह स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। यह अन्य शहरों और नगरपालिकाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है जो अक्षय ऊर्जा स्रोतों की ओर रुख करना चाहते हैं।