अस्त होने पर भी हर दिन आपको निहारते हैं ग्रह

सारिका ने समझाया गुरू और शुक्र के अस्त-उदित होने का विज्ञान

अस्त होने पर भी हर दिन आपको निहारते हैं ग्रह

भोपाल, 25 जून (हि.स.)। पूरी गर्मी और बच्चों के अवकाश के दिन निकल गये लेकिन मई व जून में आमतौर पर सड़कों पर निकलती बारात, बैंड-बाजे, बाजारों में वैवाहिक खरीदी, विवाह आमंत्रण कार्ड नहीं दिखाई दिए। इसका कारण विभिन्न मान्यताओं के अनुसार शुक्र एवं गुरू ग्रह का अस्त होना बताया गया। वास्तव में ग्रह अस्त नहीं होते, बल्कि हर दिन वे आपको निहारते हैं। यह कहना है नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू का।

सारिका ने मंगलवार को ग्रहों के अस्त होने के वैज्ञानिक पक्ष को समझाते हुए बताया कि सूर्य की परिक्रमा उसके सभी सदस्य ग्रह करते हैं। इसमें गुरू, शुक्र और पृथ्वी भी शामिल है। परिक्रमा करते हुए जब पृथ्वी से देखने पर ये ग्रह सूर्य के आसपास पहुंच जाते हैं तो सूर्य की तेज चमक के आगे उनकी चमक मंद हो जाती है, जिससे ये ग्रह अलग से आकाश में नहीं दिखते हैं। जितने दिनों तक ये सूर्य के चमक क्षेत्र में रहते हैं, तब यह कहा जाता है कि ये ग्रह अस्त हो गए हैं, लेकिन सूर्य की परिक्रमा करते हुए जब ये ग्रह आगे बढ़ जाते हैं तो पुन: आकाश में दिखने लगते हैं। इसे इन ग्रहों का उदित होना कहते हैं।

उन्होंने ने बताया कि अस्त हो जाने पर अनेक लोगों का मानना होता है कि वह ग्रह आकाश में आता ही नहीं है अर्थात क्षितिज के नीचे कहीं छिप जाता है, जबकि वास्तव में ऐसा होता नहीं है। अस्त हुआ माना जाने वाला ग्रह सूर्य के आसपास ही रहता है। यानी अस्त माने जाना वाला ग्रह भी आकाश में सूर्य के आसपास उपस्थित रहता है। लेकिन अस्त ग्रह की चमक सूर्य के प्रकाश में खो जाने के कारण वह दिखाई नहीं देता है।

उनका कहना है कि अब इंतजार की घड़ियां समाप्ति की ओर है। जल्दी ही शुक्र भी सूर्य से दूर होकर शाम के समय आकाश में दिखाई देना आरंभ करने वाला है। गुरू तो सुबह के आकाश में दिखना आरंभ हो ही चुका है।

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