कपड़ा उद्योग में रोजगार दर बढ़ाने के लिए उद्योगपतियों ने सुझाव दिए

गिरिराज सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक, छोटे उद्योगों और एमएसएमई पर विशेष ध्यान देने की मांग

कपड़ा उद्योग में रोजगार दर बढ़ाने के लिए उद्योगपतियों ने सुझाव दिए

 केंद्रीय कपड़ा मंत्री  गिरिराज सिंह ने 20 जून 2024 को नई दिल्ली में देश के कपड़ा संगठनों के साथ बैठक की। इस बैठक में कपड़ा उद्योग के विकास और रोजगार दर बढ़ाने के लिए विभिन्न सुझावों पर चर्चा की गई। जिसमें द साउदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से पूर्व अध्यक्ष आशीष गुजराती ने भाग लिया। उन्होंने कपड़ा उद्योग के विकास और इसमें रोजगार दर बढ़ाने के लिए निम्नलिखित प्रस्तुति दी।

एसजीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष श्री आशीष गुजराती ने बैठक में निम्नलिखित सुझाव दिए:

  • एमएसएमई को बढ़ावा: टफ योजना और पीएलआई योजना का लाभ केवल बड़े उद्योगों तक ही सीमित नहीं होना चाहिए। एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए पूंजीगत सब्सिडी जैसी योजनाएं शुरू की जानी चाहिए।
  • कच्चे माल की उपलब्धता: कच्चा माल, जैसे कि पीटीए, अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी कीमतों पर और वैश्विक गुणवत्ता वाला होना चाहिए।
  • विशेष पीएलआई योजना: ऐसे विशेष धागों के लिए एक विशेष पीएलआई योजना शुरू की जानी चाहिए जो भारत में निर्मित नहीं होते हैं।
  • कपड़े का आयात प्रतिबंध: भारत के कपड़ा और परिधान उद्योग को समर्थन देने के लिए कपड़े के आयात पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
  • वॉटर जेट वीविंग मशीनों के लिए सब्सिडी: वॉटर जेट वीविंग मशीनों के लिए सीईटीपी (कॉमन इन्फ्लुएंट प्लांट) और जेडएलडी (जीरो लिक्विड डिस्चार्ज) पर विशेष सब्सिडी दी जानी चाहिए।
  • कपड़ा निर्यात लक्ष्य: भारत का कपड़ा निर्यात लक्ष्य 2030 तक 30% तक बढ़ाया जाना चाहिए।
  • जीएसटी से राजस्व: अगले पांच साल में टेक्सटाइल से जीएसटी की आय ₹3 लाख करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए, इस राशि का 10% (₹30,000 करोड़) आवंटित किया जाना चाहिए।

बैठक में यह भी तय हुआ कि:

  • सरकार कपड़ा उद्योग में रोजगार दर बढ़ाने के लिए इन सुझावों पर विचार करेगी।
  • सरकार कपड़ा उद्योग के विकास और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत बदलाव करेगी।

यह उम्मीद की जाती है कि इन उपायों से भारत के कपड़ा उद्योग में रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

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