सूरत : "पर्यावरण-अनुकूल उद्योग: सूरत के औद्योगिक परिदृश्य को बदलना" विषय पर सेमिनार का आयोजित

डॉ. बंद्योपाध्याय ने कहा कि सूरत के उद्योगों को पर्यावरण-अनुकूल बनने की आवश्यकता है

सूरत :

दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने समहती, सरसाना, सूरत में "पर्यावरण-अनुकूल उद्योग: सूरत के औद्योगिक परिदृश्य को बदलना" विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया। सेमिनार में मुख्य वक्ता थे अहमदाबाद की सीईपीटी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. सास्वत बंद्योपाध्याय।

डॉ. बंद्योपाध्याय ने कहा कि सूरत के उद्योगों को पर्यावरण-अनुकूल बनने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि "सूरत का उद्योग आर्थिक रूप से बुद्धिमान है, अब इसे पारिस्थितिक रूप से बुद्धिमान बनने की आवश्यकता है।" उन्होंने कपड़ा उद्योग सहित विभिन्न उद्योगों में हरित प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर जोर दिया।

चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रमेश वघासिया ने कहा कि सूरत को संयुक्त राष्ट्र द्वारा सस्टेनेबल टेक्सटाइल हब विकसित करने के लिए पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है। उन्होंने कहा कि "यह सूरत के लोगों के लिए गर्व की बात है।" उन्होंने यह भी बताया कि सूरत छत पर सौर ऊर्जा के उपयोग में अग्रणी है और निर्माण क्षेत्र में प्रदूषण कम करने के लिए फ्लाई ईंटों का उपयोग किया जाता है।

प्रोफेसर बंद्योपाध्याय ने जलवायु परिवर्तन और उसके खतरों के बारे में भी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि "गुजरात में 2040 तक सबसे ज्यादा तापमान होगा।" उन्होंने तापमान वृद्धि को कम करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया।

सेमिनार में एमएसएमई में हरित प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर भी चर्चा हुई। डॉ. बंद्योपाध्याय ने एमएसएमई में टोटल रूफिंग, प्रोजेक्ट्स और मिडरूफ प्रोजेक्ट्स का उपयोग करने के तरीकों के बारे में जानकारी दी।

चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष श्री कमलेश याग्निक ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। चैंबर के मानद मंत्री और निर्वाचित उपाध्यक्ष श्री निखिल मद्रासी ने वक्ता का परिचय दिया। चैंबर के ग्रुप चेयरमैन संजय गाजीवाला ने धन्यवाद ज्ञापन किया। सेमिनार में चैंबर के उपाध्यक्ष एवं प्रेसिडेंट इलेक्ट विजय मेवावाला, मानद कोषाध्यक्ष किरण थुम्मर और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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