सूरत : बच्चों के लिए पूरक आहार के 7 सुनहरे नियम

बच्चे के विकास के लिए 6 महीने से पूरक आहार जरूरी : डॉ. प्रशांत कारिया

सूरत : बच्चों के लिए पूरक आहार के 7 सुनहरे नियम

6 महीने की उम्र के बाद, स्तनपान के साथ-साथ बच्चों को पूरक आहार देना शुरू करना महत्वपूर्ण है। भारतीय बाल रोग अकादमी के प्रवक्ता डॉ. प्रशांत कारिया ने पूरक आहार के 7 सुनहरे नियम बताए हैं जो बच्चों के स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक हैं।

1. समय पर शुरू करें: 180 दिन (6 महीने) की उम्र के बाद पूरक आहार शुरू करें। इस दौरान बच्चे बैठना सीखते हैं और चीजों को मुंह में डालते हैं।

2. धीरे-धीरे शुरू करें: एक बार में एक नया भोजन दें और 2-3 दिनों तक उसी पर रहें। पहले अर्ध-तरल पदार्थ (जैसे दाल का पानी) दें, फिर धीरे-धीरे गाढ़ा करें।

3. मात्रा धीरे-धीरे बढ़ाएं: शुरुआत में 2-3 चम्मच से शुरू करें और धीरे-धीरे बढ़ाएं। एक बच्चे का पेट 1/2 कप (125 मिलीलीटर) तक भोजन धारण कर सकता है।

4. विविधता लाएं: 5 खाद्य समूहों से भोजन दें: अनाज, दालें, फल, सब्जियां और दूध उत्पाद। घी, मक्खन और गुड़ से कैलोरी बढ़ाएं।

5. चीनी और नमक से बचें: 1 साल से कम उम्र के बच्चों को ऊपर से चीनी और 2 साल तक नमक न दें।

6. जंक फूड टालें: बिस्कुट, ब्रेड, वेफर्स, केक, चॉकलेट, आइसक्रीम, डोनट्स, कोल्ड ड्रिंक, चाय या कॉफी न दें।

7. जिम्मेदारी से खिलाएं: बच्चे से बात करें, उसकी आंखों में देखें और उसे टीवी या मोबाइल के सामने न खिलाएं। एलर्जी के लक्षणों पर ध्यान दें और डॉक्टर से सलाह लें।

यह भी याद रखें:

  • 1 साल की उम्र के बाद, गाय का दूध (भैंस या बकरी का भी) देना शुरू करें, लेकिन बोतल से नहीं।
  • यदि बच्चे को किसी भोजन से एलर्जी है, तो उसे न दें। आम एलर्जी में गाय का दूध, अंडे और मूंगफली शामिल हैं।

इन नियमों का पालन करके आप अपने बच्चे को स्वस्थ और संतुलित आहार प्रदान कर सकते हैं।

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