सूरत : बैराज परियोजना का गणितीय और भौतिक मॉडल अध्ययन पूरा, जल्द शुरू होगी निर्माण की प्रक्रिया
सूरत की जनसंख्या 2033 में 1.17 करोड़ और 2048 में 2.27 करोड़ हो जाएगी, प्रस्तावित बैराज 18.735 एमसीएम पानी जमा करेगा
By Bhatu Patil
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सूरत शहर की बढ़ती आबादी की पेयजल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तापी नदी पर बनने वाली महत्वाकांक्षी बैराज परियोजना की प्रगति में तेजी आई है। नगर निगम ने परियोजना के लिए आवश्यक 76 तरह की मंजूरी हासिल कर ली है और गणितीय और भौतिक मॉडल अध्ययन भी पूरा कर लिया है।
परियोजना की मुख्य बातें:
- जनसंख्या वृद्धि: अनुमान है कि सूरत की जनसंख्या 2033 में 1.17 करोड़ और 2048 में 2.27 करोड़ हो जाएगी।
- जलाशय क्षमता: प्रस्तावित बैराज 18.735 एमसीएम पानी जमा करेगा, जो तापी नदी में एक विशाल झील के समान होगा।
- तुलना: 1995 में निर्मित वीयर कम कॉजवे 31 एमसीएम पानी जमा कर सकता है।
- अध्ययन और मंजूरी:
- बैराज निर्माण के लिए हाइड्रोग्राफी, टोपोग्राफी सर्वेक्षण, मृदा जांच, बाढ़ अनुमान, भौतिक और गणितीय मॉडलिंग, पर्यावरण अध्ययन सहित 76 अध्ययन किए गए हैं।
- इन अध्ययनों के लिए सरकार से मंजूरी मिल गई है।
- डिजाइन और प्रूफ चेकिंग:
- बैराज के डिजाइन का काम सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड (एसएसएनएनएल) को सौंपा गया है।
- केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) डिजाइनों की प्रूफ चेकिंग करेगा।
- बैराज से सटे पुल के डिजाइन की प्रूफ चेकिंग आरएंडबी के डिजाइन सर्किल द्वारा की जाएगी।
- निर्माण कार्य:
- गणितीय और भौतिक मॉडल अध्ययन पूरा हो चुका है।
- जल्द ही अंतिम डिजाइन और डिजाइन प्रूफ चेकिंग का काम पूरा होने की उम्मीद है।
- इसके बाद निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना है।
- लाभ:
- बैराज से सूरत शहर को दीर्घकालिक जल सुरक्षा मिलेगी।
- शहर की बढ़ती आबादी की पेयजल आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकेगा।
- क्षेत्र में कृषि और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
निष्कर्ष: सूरत बैराज परियोजना शहर के लिए एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना है। यह न केवल शहर को जल सुरक्षा प्रदान करेगा, बल्कि विकास को भी बढ़ावा देगा।
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