27 हजार खर्च कर राशिद बने सांसद

चुनाव प्रचार के दौरान इंजिनियर राशिद के बेटे चुनाव प्रचार के दौरान कई बार भावुक होते हुए भी दिखाई दिए थे

27 हजार खर्च कर राशिद बने सांसद

बारामूला, 5 जून (हि.स.)। लोकसभा चुनावो के नतीजे यकीनन चौंकाने वाले है फिर चाहे वो देशभर में आये नतीजों हो या जम्मू कश्मीर के नतीजे हो बात करे। सब जानते है कि लोकसभा चुनावों में अपनी जीत के लिए प्रत्याशी करोड़ों खर्च कर देते है। लेकिन जम्मू कश्मीर में एक प्रत्याशी ऐसा है कि जिसने खुद न तो अपना चुनाव प्रचार किया और न ही अपने चुनाव पर करोड़ों खर्च किए जबकि कुछ हजार खर्च कर वो शानदार जीत दर्ज कर गया। दरअसल हम बात कर रहे है बारामुला सीट से विजयी रहे इंजिनियर राशिद की जिन्होंने अपने करीबी प्रतिद्वंदी उमर अब्दुल्ला और सज्जाद लोन को करारी शिकस्त दी है, इंजिनियर रशीद के बेटो द्वारा शुरू की गए चुनाव प्रचार में उन्होंने केवल 27 हजार ही खर्च किये जोकि चोंकाने वाले तो है ही लेकिन दिलचस्प भी है।

आपको याद होगा चुनाव प्रचार के दौरान इंजिनियर राशिद के बेटे चुनाव प्रचार के दौरान कई बार भावुक होते हुए भी दिखाई दिए थे लेकिन यह शायद दोनों बच्चो की सच्चाई थी जो लोगो को भा गयी और रशीद को जीत मिली। इंजिनियर राशिद ने अपना राजनीतिक करियर वर्ष 2008 में शुरू किया था। एक निर्माण इंजीनियर के रूप में अपनी नौकरी से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने सियासत शुरू की। महज 17 दिनों के अभियान के बाद उन्होंने उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा शहर में लंगेट की निर्वाचन सीट जीत ली थी। अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद वर्तमान में आतंकी फंडिंग के मामले में यूएपीए के तहत दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। वह अवामी इत्तेहाद पार्टी के अध्यक्ष है और दो बार विधायक रह चुके हैं, लोकसभा चुनावो में निर्दलीय उमीदवार के रूप में बारामुला सीट से चुनाव मैदान पर उतरे इंजिनियर रशीद खुद भले ही जेल में बंद थे लेकिन जेल में बंद होने के चलते उनके दोनों बेटे अबरार और असरार ने पार्टी के अन्य नेताओं के साथ प्रचार की कमान संभाली थी। चुनाव लड़ने के करीब दो सप्ताह के भीतर ही उन्होंने लोगों का भरपूर समर्थन हासिल कर लिया था। उनकी रैलियों में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे। और लोग का समर्थन ऐसा मिला की वह बारामुला सीट पर उमर अब्दुल्ला को पछाड़ते हुए इस सीट पर विजयी घोषित हो गए लेकिन इन सब में हेरान करने वाली बात यह थी की इंजिनियर रशीद के चुनाव प्रचार के लिये खर्च किये गए सिर्फ 27 हजार रुपये जोकि सिर्फ पेट्रोल पर ही खर्च हुए थे।

इंजिनियर रशीद के बेटे अबरार का कहना है की उनके पास इतने पैसे नहीं थे बल्कि वह केवल 27 हजार ही पिता के लिए खर्च पाए जोकि रंग लाये और लोगों का भरपूर समर्थन मिला और मेरे पिता जीत गए जोकि उनकी जीत से ज्यादा लोगों की जीत है।