सूरत : कारोबारी से हनीट्रैप मामले में 17 लाख रुपये ठगनेवाले 4 आरोपी गिरफ्तार

मंदिर कारोबारी से और अधिक रूपये मांगने पर पुलिस शिकायत की गई जिसके आधार पर हुई कार्रवाही

सूरत : कारोबारी से हनीट्रैप मामले में 17 लाख रुपये ठगनेवाले 4 आरोपी गिरफ्तार

सोशल मीडिया पर विज्ञापन में अपना मोबाइल नंबर डालने वाले लोगों के लिए यह खबर एक चेतावनी है। सूरत में एक मंदिर बनाने वाले जैन कारोबारी के साथ हनीट्रैप का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें सोशल मीडिया पर विज्ञापन में दिए गए नंबर का इस्तेमाल कर 17 लाख रुपये ठग लिए गए।

मामला:

38 वर्षीय जैन व्यवसायी रांदेर रोड पर नवयुग कॉलेज के सामने रहते हैं। उनकी पाल क्षेत्र में वेस्टर्न एरेना में जैन उपकरण की दुकान है। उन्होंने सोशल मीडिया पर दुकान के विज्ञापन के साथ अपना निजी मोबाइल नंबर भी डाला था। एक व्यक्ति ने मंदिर निर्माण को लेकर बार-बार फोन किया।
व्यवसायी ने लोकेशन के आधार पर उसके घर पहुंचे थे।

हनीट्रैप:

महिला  व्यापारी को घर में मंदिर की माप करने के लिए बेडरूम में ले गई और दरवाजा बंद कर दिया। महिला  स्वयं अपने कपडे उतारने लगी, व्यापारी ने पूछा कि तुम क्या कर रही हो? व्यापारी ने दरवाजा खोलने की कोशिश की तो महिला ने धक्का देकर बिस्तर पर गिरा दिया। इतने में तीन अज्ञात व्यक्ति शयनकक्ष में दाखिल हुए और खुद को पुलिसकर्मी बताया। उन्होंने धमकी दी कि तुम वेश्यालय चलाते हो। व्यापारी के गाल पर तमाचा भी जड़ दिया। पुलिस केस करने की धमकी देकर समझौते के तौर पर 17 लाख रुपये वसूल लिए।

कैसे हुई गिरफ्तारी:

आरोपीओं ने कारोबारी से और लाखो रुपये की मांग करने पर पर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने जांच की और हनीट्रैप गिरोह को नवसारी के एरुगाम स्थित केवल फार्म से सूरत क्राईम ब्रान्च की टीम ने लाखों रुपये के साथ आरोपियों को पकड़ लिया।

गिरफ्तार आरोपी:

रमेश उर्फ ​​राम वल्लभभाई नावडिया (उम्र 42), राहुल रमेशभाई कथिरिया (उम्र. 42), माया भागाभाई सईदा (उम्र31)  केतन मगनभाई भदानी (उम्र 34)।  चारो आरोपीओं से पुलिस ने  5.69 लाख नकद, मोबाइल फोन नंबर-7 (कीमत लगभग 49 हजार), डुप्लीकेट पुलिस सब इंस्पेक्टर आईकार्ड,
टाइम्स वॉच प्रेस का आईकार्ड, स्विफ्ट कार (कीमत 5 लाख), वीजा कार्ड सहित कुल 11.18 लाख की संपत्ति जब्त कि।

सलाह:

सोशल मीडिया पर विज्ञापन में अपना निजी मोबाइल नंबर डालने से पहले सावधान रहें। अनजान लोगों से सावधान रहें और जल्दबाजी में कोई भी फैसला न लें। किसी भी तरह की धमकी या ब्लैकमेलिंग के मामले में पुलिस को तुरंत सूचित करें।

यह भी ध्यान रखें:

पुलिस कभी भी आम नागरिकों से पैसे नहीं मांगती है। पुलिसकर्मी वर्दी में होते हैं और उनके पास पहचान पत्र भी होता है। पुलिस केस करने की धमकी देकर पैसे वसूलने वाले लोग धोखेबाज होते हैं। अगर आप सोशल मीडिया पर विज्ञापन देते हैं, तो अपनी गोपनीयता सेटिंग्स को ध्यान से देखें और केवल उन लोगों को अपनी जानकारी दिखाने दें जिन पर आप भरोसा करते हैं।

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