सूरत : समय का चक्र बदल गया है, अब दुनिया फिर से भारत से जुड़ने का रास्ता तलाश रही है: डॉ. एस. जयशंकर

वो दिन गए जब दुनिया भारत को गरीबी से जोड़ते थे, आज का भारत चंद्रयान, यूपीआई, 5जी, कोवेकिशन का भारत है: विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर

सूरत : समय का चक्र बदल गया है, अब दुनिया फिर से भारत से जुड़ने का रास्ता तलाश रही है: डॉ. एस. जयशंकर

दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसजीसीसीआई) और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की एक संयुक्त पहल  पर "कॉर्पोरेट समिट 2024 - भारत का आर्थिक उत्थान" प्लैटिनम हॉल, सरसाना, सूरत में आयोजित किया गया था। जिसमें भारत के माननीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने सूरत के उद्योगपतियों को संबोधित किया।

कार्यक्रम में चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रमेश वघासिया ने सभी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भारत आर्थिक रूप से ऊपर उठ चुका है और देश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। भारत अब ब्रिक्स का सदस्य बन गया है और भारत ने जी20 का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया। चैंबर ऑफ कॉमर्स के इतिहास में पहली बार मिशन 84 के तहत नई दिल्ली स्थित इथियोपियाई दूतावास में 21 विभिन्न देशों के राजदूतों, महावाणिज्य दूत, वाणिज्यिक अताशे और प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई और उन्होंने समर्थन दिया। मिशन 84 के तहत भारत को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सूरत, गुजरात और देश से निर्यात बढ़ाने के लिए उद्योगपतियों को अवसर प्रदान करने का समर्थन किया। इसके अलावा चैंबर अध्यक्ष विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से चैंबर ऑफ कॉमर्स के मिशन 84 को सफल बनाने के लिए मार्गदर्शन और सुझाव देने का अनुरोध किया गया, जिसे विदेश मंत्री ने सहर्ष स्वीकार कर लिया।

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने सूरत के उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए गुजरातियों की तारीफ की। उन्होंने कहा, 'जब भी मैं गुजरात आता हूं तो मुझे बहुत खुशी होती है। मैं यह कभी नहीं भूलता कि मैं गुजरात का प्रतिनिधि हूं। मेरा मानना ​​है कि गुजराती भारत में सबसे अधिक वैश्वीकृत लोग हैं। देश में जहां कई विकासात्मक और नवोन्मेषी कार्य हो रहे हैं, वहीं देश के युवाओं के पास विभिन्न क्षेत्रों में कई अवसर हैं।

उन्होंने आगे कहा, 'समय का चक्र बदल गया है, अब एक बार फिर दुनिया भारत से जुड़ने का रास्ता ढूंढ रही है। आज भारत 3.7 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था के साथ दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और आने वाले वर्षों में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उभरती प्रौद्योगिकियों पर पश्चिमी देशों के साथ भारत के सहयोग के कारण सेमीकंडक्टर, ड्रोन, अंतरिक्ष, सौर, नवीकरणीय क्षेत्र में कई अवसर हैं और उनका मानना ​​है कि भारत एक अद्वितीय और गैर-प्रतिस्थापन योग्य भागीदार है।'

अफ्रीका ने व्यापार के लिए भारत के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। अफ्रीका में भारतीयों के लिए व्यवसाय के कई अवसर हैं। व्यापार वृद्धि के लिए बाजार और नई तकनीक को भागीदार बनाना होगा, यूरोप, अमेरिका, जापान और ताइवान भारत के लिए बहुत अच्छे भागीदार हैं। भारत एक उपभोक्ता देश होने के कारण विश्व के प्राकृतिक संसाधन प्रदाता देशों रूस, कनाडा, आस्ट्रेलिया तथा इंडोनेशिया पर ध्यान देना आवश्यक है। भारत में उद्यमियों को भारत की स्थिति पता होनी चाहिए। पूरा विश्व बाजार भारत के पीछे पड़ गया है।

जब हम इंडिया राइजिंग की बात करते हैं तो दुनिया को लगता है कि वो दिन गए जब हम भारत को गरीबी से जोड़ते थे। अभी जो भारत है वह चंद्रयान, यूपीआई, 5जी, कोवेकिसन का भारत है। उन्होंने सूरत के व्यापारियों से आगे कहा कि व्यापार का मतलब देश की क्षमता और रोजगार है। इसके लिए देश में लॉजिस्टिक और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। परियोजनाओं में तेजी आने से देश बुनियादी ढांचे के विकास में और आगे बढ़ेगा।

चेंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष विजय मेवावाला ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी को धन्यवाद दिया। पूरे कार्यक्रम का संचालन मानद मंत्री निखिल मद्रासी ने किया। ग्रुप चेयरमैन मनीष कपाड़िया ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। एसजीसीसीआई ग्लोबल कनेक्ट मिशन 84 के समन्वयक संजय पंजाबी ने माननीय विदेश मंत्री का परिचय दिया। चैंबर के तत्कालीन पूर्व अध्यक्ष हिमांशु बोडावाला, मानद कोषाध्यक्ष किरण थुम्मर, फिक्की गुजरात काउंसिल के अध्यक्ष राजीव गांधी, उपाध्यक्ष नटुभाई पटेल, पूर्व अध्यक्ष, समूह अध्यक्ष और सूरत के उद्योगपति उपस्थित थे। भारत के माननीय विदेश मंत्री डॉ. एस। जयशंकर ने उद्योगपतियों के विभिन्न सवालों का संतोषजनक जवाब दिया और फिर कार्यक्रम संपन्न हुआ।

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