सूरत की निमिषा पारेख की "मेहंदीकृत रामायण" एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज

यह सम्मान उन्हें 51 महिलाओं के हाथों पर वारली कला में रामायण की 51 घटनाओं को मेहंदी के रूप में प्रस्तुत करने के लिए मिला

सूरत की निमिषा पारेख की

एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल मेहंदी कल्चर की संस्थापक निमिषा पारेख

मेहंदी कल्चर की संस्थापक निमिषा पारेख द्वारा रचित "मेहंदीकृत रामायण" को एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया है। यह सम्मान उन्हें 51 महिलाओं के हाथों पर वारली कला में रामायण की 51 घटनाओं को मेहंदी के रूप में प्रस्तुत करने के लिए मिला है।

मेहंदी कला को नई ऊंचाइयों तक ले गई

यह कलाकृति न केवल अपनी विशिष्टता के लिए सराही जा रही है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति समर्पण का भी प्रतीक है। निमिषा पारेख ने रामायण के विभिन्न प्रसंगों को जीवंत करने के लिए मेहंदी कला का कुशलतापूर्वक उपयोग किया है, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देता है।

निमिषा पारेख का उत्साह

इस उपलब्धि पर निमिषा पारेख ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा, "यह मेरे लिए गर्व और सम्मान की बात है कि मेरी कलाकृति को एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह मिली है। यह न केवल मेरी, बल्कि सभी भारतीय महिलाओं की प्रतिभा और रचनात्मकता का सम्मान है।" उन्होंने इस यात्रा में उनका समर्थन करने वाले सभी लोगों का भी आभार व्यक्त किया।

निमिषा पारेख की "मेहंदीकृत रामायण" न केवल एक कलाकृति है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति समर्पण का भी प्रतीक है। यह कलाकृति निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।

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