ब्रिटन के पहले कोरोना वायरस मरीज की 11 महीनों बाद मौत, शहद-व्हिस्की पीकर बीमारी को मात देने की थी मंशा!
26 वर्षीय ब्रिटन निवासी युवक कॉनर रीड को लगभग 11 महीने पहले कोरोना संक्रमण हुआ था, जिसकी पिछले रविवार को मौत हो गई। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार कॉनर रीड चीन के वुहान के एक कॉलेज में अंग्रेजी पढ़ाता था। उसे पिछले साल नवंबर 2019 में ही वुहान में उसे कोरोना हो गया था। कॉनर रीड ने दावा किया था कि उसने किसी प्रकार की एंटीबायोटिक्स नहीं लीं और केवल व्हिस्की-शहद पीने से ही वह कोरोना से ठीक हो गया। रिपोर्ट के अनुसार, कॉनर कथित रूप से ठीक होने के बाद भी पिछले कई महीनों से तकलीफ में ही था। कॉनर जब वुहान में था तब फ्लू और निमोनिया का शिकार हुआ था। वह जब चेकअप कराने गया था तब उसे खांसी भी हो रही थी। कॉनर को दो सप्ताह के भीतर अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। लेकिन उसने डॉक्टरों द्वारा बताई गई एंटीबायोटिक नहीं ली। तब उसने दावा किया कि सांस लेने के लिए उसने अपने इन्हेलर का इस्तेमाल किया। साथ ही उसने शहद के साथ गर्म व्हिस्की पी। कॉनर 3 साल तक वुहान में रहा। ऐसा माना […]

26 वर्षीय ब्रिटन निवासी युवक कॉनर रीड को लगभग 11 महीने पहले कोरोना संक्रमण हुआ था, जिसकी पिछले रविवार को मौत हो गई। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार कॉनर रीड चीन के वुहान के एक कॉलेज में अंग्रेजी पढ़ाता था। उसे पिछले साल नवंबर 2019 में ही वुहान में उसे कोरोना हो गया था। कॉनर रीड ने दावा किया था कि उसने किसी प्रकार की एंटीबायोटिक्स नहीं लीं और केवल व्हिस्की-शहद पीने से ही वह कोरोना से ठीक हो गया। रिपोर्ट के अनुसार, कॉनर कथित रूप से ठीक होने के बाद भी पिछले कई महीनों से तकलीफ में ही था।
कॉनर जब वुहान में था तब फ्लू और निमोनिया का शिकार हुआ था। वह जब चेकअप कराने गया था तब उसे खांसी भी हो रही थी। कॉनर को दो सप्ताह के भीतर अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। लेकिन उसने डॉक्टरों द्वारा बताई गई एंटीबायोटिक नहीं ली। तब उसने दावा किया कि सांस लेने के लिए उसने अपने इन्हेलर का इस्तेमाल किया। साथ ही उसने शहद के साथ गर्म व्हिस्की पी। कॉनर 3 साल तक वुहान में रहा।
ऐसा माना जाता है कि कॉनर वायरस से संक्रमित होने वाला ब्रिटेन का पहला व्यक्ति है। कॉनर पिछले हफ्ते बैंगोर विश्वविद्यालय में अपने ही कमरे में मृत पाया गया। ऑस्ट्रेलिया में रहने वाली उसकी मां ने कहा कि कॉनर कभी भी कोरोना संक्रमण से पूरी तरह ठीक ही नहीं हुआ था।
कॉनर की मां के अनुसार लॉकडाउन के दौरान वह वुहान में 16 सप्ताह, ऑस्ट्रेलिया में 2 सप्ताह और ब्रिटेन में 3 सप्ताह रहा। उसकी मां ने कहा कि प्रतिबंधों के कारण वह अपने बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सकी।
कॉनर की मां ने कहा कि उसे चीनी भाषा सीखना बहुत पसंद था और इसीलिये वह वुहान गया था। वापस लौटकर वह ब्रिटिश विश्वविद्यालय में चीनी पढ़ रहा था।