चीन विवाद के बीच भारत को अमेरिका का झटकार
वाशिंगटन (ईएमएस)। चीन से चल रहे सीमा विवाद के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को झटका देते हुए एच1बी वीजा पर साल 2020 के अंत तक प्रतिबंध की घोषणा कर दी। ट्रंप की इस घोषणा की वजह से दुनिया भर के 2.4 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित होंगे। कोरोना महामारी के चलते नौकरियां गंवा चुके लाखों अमेरिकी लोगों की मदद के लिए यह कदम उठाया गया है और इसका सबसे ज्यादा नुकसान भारत के आईटी प्रोफेशनल्स को होगा। अमेरिका में काम करने के लिए एच1बी वीजा पाने वाले सबसे ज्यादा आईटी प्रोफेशनल्स भारतीय होते हैं। यह आदेश 24 जून से लागू होगा।
कई कंपनियों पर पड़ेगा असर
इस फैसले का असर कई भारतीय प्रोफेशनल्स के साथ ही कई अमेरिकी और भारतीय कंपनियों को प्रभावित करेंगी, जिन्हें 1 अक्टूबर से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष 2021 के लिए अमेरिकी सरकार द्वारा एच1बी वीजा जारी किए गए थे। अब उन्हें स्टैम्पिंग के लिए अमेरिकी राजनयिक मिशनों में संपर्क करने के लिए कम से कम इस साल के अंत तक इंतजार करना होगा। यह बड़ी संख्या में उन भारतीय प्रोफेशनल्स को भी प्रभावित करेगा जो अपने एच1बी वीजा का नवीनीकरण चाह रहे थे। कोरोना संकट की वजह से अमेरिका में बढ़ी बेरोजगारी दरों के चलते कई कंपनियों ने एच1बी वीजा पर रोक लगाए जाने की मांग की थी। एच1बी वीजा के अलावा कई अन्य श्रेणियों के वीजा पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
ग्रेट अमेरिकन ड्रीम को पूरा करने के लिए लगाए गए वीजा प्रतिबंध को लेकर माना जा रहा है कि इससे दुनिया के विभिन्न हिस्सों के 2.4 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हो सकते हैं। मगर, इसका सबसे ज्यादा असर भारतीय आईटी पेशेवरों को होगा।