एशिया प्रशांत की जगह अमेरिका ने इस्तेमाल किया ‘हिंद-प्रशांत’ शब्द
वॉशिंगटन (ईएमएस)। अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने अब एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए हिंद-प्रशांत शब्द का इस्तेमाल करना शुरू किया है। अमेरिका ने इन दो शब्दों के इस्तेमाल की वजह भी बताई है। एशिया-प्रशांत की बजाय भारत-प्रशांत शब्दावली के इस्तेमाल पर अमेरिका ने कहा कि इस क्षेत्र में भारत की महत्वपूर्ण रणनीतिक उपस्थिति है। अमेरिकी अधिकारी ने कहा नया नाम उसकी भूमिका और भविष्य की संभावना की ओर इशारा है। व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने टोक्यो में कहा हमारा भारत के साथ मजबूत संबंध है। ये संबंध लगातार बढ़ रहे हैं। हम भारत-प्रशांत के बारे में बात करते हैं, क्योंकि यह शब्दावली भारत के आगे बढ़ने की अहमियत को बयां करती है। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जापान पहुंचते ही उनकी 12 दिवसीय एशिया यात्रा की शुरूआत हो गई। इस दौरान वह दक्षिण कोरिया, चीन, वियतनाम और फिलीपींस की यात्रा पर भी जाएंगे। व्हाइट हाउस के अधिकारी ने कहा भारत-प्रशांत मुक्त समुद्री साझा हित की अहमियत बयां करता है, जो हमारी सुरक्षा और समृद्धि को जारी रखेगा। हालांकि, जब उनसे यह पूछा गया कि कहीं चीन के […]
वॉशिंगटन (ईएमएस)। अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने अब एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए हिंद-प्रशांत शब्द का इस्तेमाल करना शुरू किया है। अमेरिका ने इन दो शब्दों के इस्तेमाल की वजह भी बताई है। एशिया-प्रशांत की बजाय भारत-प्रशांत शब्दावली के इस्तेमाल पर अमेरिका ने कहा कि इस क्षेत्र में भारत की महत्वपूर्ण रणनीतिक उपस्थिति है। अमेरिकी अधिकारी ने कहा नया नाम उसकी भूमिका और भविष्य की संभावना की ओर इशारा है। व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने टोक्यो में कहा हमारा भारत के साथ मजबूत संबंध है।
ये संबंध लगातार बढ़ रहे हैं। हम भारत-प्रशांत के बारे में बात करते हैं, क्योंकि यह शब्दावली भारत के आगे बढ़ने की अहमियत को बयां करती है। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जापान पहुंचते ही उनकी 12 दिवसीय एशिया यात्रा की शुरूआत हो गई। इस दौरान वह दक्षिण कोरिया, चीन, वियतनाम और फिलीपींस की यात्रा पर भी जाएंगे। व्हाइट हाउस के अधिकारी ने कहा भारत-प्रशांत मुक्त समुद्री साझा हित की अहमियत बयां करता है, जो हमारी सुरक्षा और समृद्धि को जारी रखेगा। हालांकि, जब उनसे यह पूछा गया कि कहीं चीन के प्रभाव को कम करने की रणनीति के तहत तो भारत-एशिया शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है, तो उन्होंने कहा इस रणनीति का उद्देश्य चीन को रोकना नहीं है।
भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के बीच रणनीतिक वार्ता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा इसका उद्देश्य चीन को रोकना नहीं है। अमेरिकी अधिकारी ने कहा भारत-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका एक ताकत है और इस क्षेत्र में अमेरिका के मुक्त व्यापार को बनाए रखने पर ही उसकी सुरक्षा और समृद्धि निर्भर है। अधिकारी ने कहा अमेरिका एक मुक्त और खुले हुए भारत-प्रशांत क्षेत्र में विश्वास रखता है। हम इसे निरंतर स्थायी देखना चाहते हैं। नैविगेशन की आजादी, बाजार को उपलब्ध कराने की इजाजत और मुक्त बाजार ही इस क्षेत्र में समृद्धि के लिए जरूरी हैं।
भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के बीच चल रही रणनीतिक बातचीत को लेकर अधिकारी ने कहा कि यह चीन को रोकने के लिए नहीं है। अधिकारी ने कहा अमेरिका हमेशा से ही अपने सहयोगियों और साझेदारों के साथ बहुत नजदीकी संवाद बनाकर चलता है। अधिकारी ने कहा कि न तो अमेरिका और न ही ऑस्ट्रेलिया या जापान का भारत के साथ सामरिक गठबंधन हैं। उन्होंने आगे कहा भारत निःसंदेह तेजी से बढ़ता महत्वपूर्ण सुरक्षा साझेदार है। अधिकारी ने कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत की अहमियत बढ़ रही है।