वाह! अपने पसंदीदा व्यंजन का नाम सुनकर 62 दिनों बाद कोमा से बाहर आ गया ये किशोर
यह किसी चमत्कार से कम नहीं था पसंदीदा फुड का नाम सुनकर 62 वें दिन कोमा से बाहर आ गया। भोजन प्रेमियों की भी अपनी दुनिया है, अपने पसंदीदा व्यंजन खाने के लिए खाद्य प्रेमी किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। हालाँकि, ताइवान में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसके बारे में जानकर आपको हैरानी हो सकती है। अपनी पसंदीदा डिश का नाम सुनकर 62 दिनों तक कोमा में रहे 18 वर्ष का टीन एजर कोमा से बाहर आ गया है। मिली जानकारी के अनुसार एक स्कूटर दुर्घटना में टीन गंभीर रूप से घायल हो गये थे। उन्हें आंतरिक चोट लगी था, जिससे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने तत्काल सर्जरी किया, लेकिन वह कोमा में चला गया। डॉक्टरों के अनुसार, चीयू नाम के किशोर को लीवर और किडनी में चोट लगी थी। एक अस्पताल में उसकी छह सर्जरी की और अपनी मजबूत इच्छाशक्ति के कारण वह बच गया। हालाकि वह कोमा में चला गया। डॉक्टर कोमा से किस तरह बाहर आये इस उलझन में थे। तभी अस्पताल गये चीयू के भाई को एक विचार आया […]

यह किसी चमत्कार से कम नहीं था
पसंदीदा फुड का नाम सुनकर 62 वें दिन कोमा से बाहर आ गया। भोजन प्रेमियों की भी अपनी दुनिया है, अपने पसंदीदा व्यंजन खाने के लिए खाद्य प्रेमी किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।
हालाँकि, ताइवान में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसके बारे में जानकर आपको हैरानी हो सकती है। अपनी पसंदीदा डिश का नाम सुनकर 62 दिनों तक कोमा में रहे 18 वर्ष का टीन एजर कोमा से बाहर आ गया है। मिली जानकारी के अनुसार एक स्कूटर दुर्घटना में टीन गंभीर रूप से घायल हो गये थे। उन्हें आंतरिक चोट लगी था, जिससे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
डॉक्टरों ने तत्काल सर्जरी किया, लेकिन वह कोमा में चला गया। डॉक्टरों के अनुसार, चीयू नाम के किशोर को लीवर और किडनी में चोट लगी थी। एक अस्पताल में उसकी छह सर्जरी की और अपनी मजबूत इच्छाशक्ति के कारण वह बच गया। हालाकि वह कोमा में चला गया।
डॉक्टर कोमा से किस तरह बाहर आये इस उलझन में थे। तभी अस्पताल गये चीयू के भाई को एक विचार आया और उसने मजाक में बेहोश चीयु को सुनाई दे इस तरह कहा कि मैं आपकी पसंदीदा डिश, टिक्की फिलालेट खाने जा रहा हूं। ऐसा लगता है कि जादुई असर हो रहा है। चीयू की नाड़ी की दर बढ़ गई और वह कोमा से बाहर आ गया। टीन एजर का परिवार एक चमत्कार होने की प्रार्थना कर रहा था और कोमा के 62 वें दिन, यह एक वास्तविक चमत्कार की तरह लग रहा था।