पत्नी को पानी लेने दूर जाना पड़ता था, पति ने झोपड़ी के पास खोद डाला कुँवा
हमने और अपने ऐसे कई किस्से सुने है जिसने एक पति ने अपनी पत्नी के लिए अविश्वसनीय काम कर दिखाया है। दसरथनाथ मांझी ने तो छेनी हथौड़े से पूरे का पूरा पहाड़ ही काट दिया था। एक ऐसा ही मामला मध्यप्रदेश के गुना जिले के चाचौड़ा तहसील में देखने को मिला, जहाँ एक पति ने अपनी पत्नी की दूर से पानी लाने की तकलीफ को कम करने के लिए 15 दिन में अपनी झोपड़ी के पास खुद का कुआं खोद दिया। क्या है पूरा मामला दरअसल मामला ये है कि मध्यप्रदेश के गुना जिले के चाचौड़ा तहसील के भानपुर बावा गांव में रहने वाले भरत सिंह अपनी पत्नी सुशीला के साथ रहते थे। घर में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण पत्नी को रोजाना आधा किलोमीटर दूर से पीने का पानी सिर पर ढोकर लाना पड़ता था। ऐसे में अपनी पत्नी को इस तकलीफ से निजात दिलाने के लिए अपनी झोपड़ी जे पास ही 15 दिनों के भीतर एक कुआँ खोद डाला। इस काम से ना सिर्फ उनकी पत्नी सुशीला को दूर से सिर पर पानी ढोकर […]

हमने और अपने ऐसे कई किस्से सुने है जिसने एक पति ने अपनी पत्नी के लिए अविश्वसनीय काम कर दिखाया है। दसरथनाथ मांझी ने तो छेनी हथौड़े से पूरे का पूरा पहाड़ ही काट दिया था। एक ऐसा ही मामला मध्यप्रदेश के गुना जिले के चाचौड़ा तहसील में देखने को मिला, जहाँ एक पति ने अपनी पत्नी की दूर से पानी लाने की तकलीफ को कम करने के लिए 15 दिन में अपनी झोपड़ी के पास खुद का कुआं खोद दिया।
क्या है पूरा मामला
दरअसल मामला ये है कि मध्यप्रदेश के गुना जिले के चाचौड़ा तहसील के भानपुर बावा गांव में रहने वाले भरत सिंह अपनी पत्नी सुशीला के साथ रहते थे। घर में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण पत्नी को रोजाना आधा किलोमीटर दूर से पीने का पानी सिर पर ढोकर लाना पड़ता था। ऐसे में अपनी पत्नी को इस तकलीफ से निजात दिलाने के लिए अपनी झोपड़ी जे पास ही 15 दिनों के भीतर एक कुआँ खोद डाला। इस काम से ना सिर्फ उनकी पत्नी सुशीला को दूर से सिर पर पानी ढोकर लाने से छुटकारा मिल गया, बल्कि भरतसिंह को आधा बीघा जमीन की सिंचाई करने का साधन मिल गया।
पत्नी की परेशानी दूर करने के लिए उठाया ये कदम
इस मामले में भरत सिंह ने बताया “पत्नी को दूर से पानी लेकर आना पड़ता था और कभी कभी तो उसे पानी भी नहीं मिलता था। एक दिन जब हैंडपंप खराब होने के चलते पत्नी सुशीला बिना पानी के लौटी और उसने मुझे बताया, तो मैंने पत्नी की परेशानी को दूर करने के लिए घर में ही कुआं खोदने की ठान ली।“ सिंह ने आगे बताया, ‘‘शुरुआत में तो मेरी पत्नी को भी मुझ पर भरोसा नहीं था। उसकी उलाहना मेरे लिए प्रेरणा बनी रही और मैंने 15 दिन की लगातार कड़ी मेहनत के बाद छह फीट व्यास वाला गोल 31 फीट गहरा कुआं खोद दिया और इस कुएं को ईंट, सीमेंट एवं रेत से पक्का भी कर दिया।
कलेक्टर ने भी की तारीफ
आपको बता दें कि इस कुएं को बने लगभग दो महीने हो गये हैं। इसके बाद से भरतसिंह गुना जिले में चर्चा का विषय बन चुके है। वहां के कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम ने भी इस भागीरथ काम की तारीफ की है और जिला पंचायत के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वो भरतसिंह को प्रधानमंत्री आवास योजना एवं अन्य विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मुहैया कराएं जिससे भरतसिंह और उनके परिवार की जिन्दगी असं हो सके।