मंडप में दूल्हे को छोड़ दुल्हन सरकारी नौकरी के इंटरव्यू के लिए चली गई!
मान लो आप शादी के मंडप में बैठे हो और आपकी दुल्हन आपको छोड़कर चली जाए। कैसा झटका लगेगा आपको? कुछ ऐसी ही घटना गोंडा के रामनगर में बनी थी। जहां बाराबंकी की रहने वाली प्रज्ञा तिवारी अपने दूल्हे को मंडप में ही छोड़कर चली गई थी। हालांकि जब वह वापिस आई तब सबने खुशी से उसे विदा किया। दरअसल, प्रज्ञा तिवारी की उसके शादी के दिन ही सुबह उसकी सरकारी टीचर की काउंसलिंग थी। क्योंकि काउंसलिंग की तारीख फिक्स थी, प्रज्ञा को कई रस्म छोड़कर काउंसलिंग के लिए जाना पड़ा। प्रज्ञा ने बताया कि शादी के दिन ही उसकी काउंसलिंग थी, तो उसे सुबह अपने पति को मंडप में ही छोड़कर बीएसए ऑफिस आना पड़ा। प्रज्ञा ने बताया कि उसके लिए करियर ज्यादा मायने रखता है, इसलिए उसने ऐसा किया। वह कहती है की उसका पति उसके लिए लकी चार्म है, क्योंकि उसके साथ शादी होते ही उसकी नौकरी फिक्स हो गई। प्रज्ञा के वापिस आने तक सभी रिश्तेदारों ने उसका इंतजार कर रहे थे। जिससे कि प्रज्ञा वापिस आ सके और सभी रस्में पूर्ण कर अपने पति के […]

मान लो आप शादी के मंडप में बैठे हो और आपकी दुल्हन आपको छोड़कर चली जाए। कैसा झटका लगेगा आपको? कुछ ऐसी ही घटना गोंडा के रामनगर में बनी थी। जहां बाराबंकी की रहने वाली प्रज्ञा तिवारी अपने दूल्हे को मंडप में ही छोड़कर चली गई थी। हालांकि जब वह वापिस आई तब सबने खुशी से उसे विदा किया।
दरअसल, प्रज्ञा तिवारी की उसके शादी के दिन ही सुबह उसकी सरकारी टीचर की काउंसलिंग थी। क्योंकि काउंसलिंग की तारीख फिक्स थी, प्रज्ञा को कई रस्म छोड़कर काउंसलिंग के लिए जाना पड़ा। प्रज्ञा ने बताया कि शादी के दिन ही उसकी काउंसलिंग थी, तो उसे सुबह अपने पति को मंडप में ही छोड़कर बीएसए ऑफिस आना पड़ा। प्रज्ञा ने बताया कि उसके लिए करियर ज्यादा मायने रखता है, इसलिए उसने ऐसा किया। वह कहती है की उसका पति उसके लिए लकी चार्म है, क्योंकि उसके साथ शादी होते ही उसकी नौकरी फिक्स हो गई। प्रज्ञा के वापिस आने तक सभी रिश्तेदारों ने उसका इंतजार कर रहे थे। जिससे कि प्रज्ञा वापिस आ सके और सभी रस्में पूर्ण कर अपने पति के साथ ससुराल वापिस जा सके।
प्रज्ञा ने सभी माता पिताओं से उनकी बेटी को पढ़ाने की अपील की है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने भी प्रज्ञा को बधाई देते हुए कहा कि प्रज्ञा के लिए बहुत ही अच्छा दिन रहा। फिलहाल प्रज्ञा काउंसलिंग करवाकर वापिस बाराबंकी चली गई है। प्रज्ञा की नियुक्ति गोंडा में बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक के तौर पर हुई है।