जानें हरभजन सिंह ने ऐसा क्या ट्वीट कर दिया कि ट्रोल हो गए
दुनिया भर में कोरोना का आतंक चरम पर है। करोड़ों लोग इस महामारी से जूझ रहे हैं, जिसमें भारत के लाखों लोग भी शामिल हैं। भारत में इस कोरोना के कारण लाखों जाने जा चुकी है। देश में 3 टीकों का परीक्षण अपने तीसरे चरण में है और प्रधानमंत्री स्वयं टीका के लिए लैब का दौरा कर रहे हैं। ऐसे में पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह ने कोरोना के बारे में एक ऐसा ट्वीट कर दिया जिसके बाद लोग उन्हें ट्रोल कर रहे है। वैसे ये कोई पहली दफ़ा नहीं है जब हरभजन सिंह हमेशा अपने बयानों के कारण विवादों में आए हो। कोरोना को लेकर किए उनके ट्वीट से कई लोग नाराज हैं। अपने समय में अपनी स्पिन गेंदबाजी से विरोधी टीम के खिलाड़ियों को झटका देने वाले हरभजन सिंह ने ट्वीट किया। अपने ट्वीट में लिखा “फाइजर और बायोटेक टीकों की सटीकता 94 प्रतिशत है, मोर्डना वैक्सीन की 94.5 प्रतिशत, ऑक्सफोर्ड टीका की 90 प्रतिशत और भारतीयों की रिकवरी दर बिना टीका के 93.6 प्रतिशत है। क्या भारतीयों को वास्तव में टीकों की आवश्यकता है?” https://twitter.com/harbhajan_singh/status/1334352869877637120 बस फिर […]

दुनिया भर में कोरोना का आतंक चरम पर है। करोड़ों लोग इस महामारी से जूझ रहे हैं, जिसमें भारत के लाखों लोग भी शामिल हैं। भारत में इस कोरोना के कारण लाखों जाने जा चुकी है। देश में 3 टीकों का परीक्षण अपने तीसरे चरण में है और प्रधानमंत्री स्वयं टीका के लिए लैब का दौरा कर रहे हैं। ऐसे में पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह ने कोरोना के बारे में एक ऐसा ट्वीट कर दिया जिसके बाद लोग उन्हें ट्रोल कर रहे है। वैसे ये कोई पहली दफ़ा नहीं है जब हरभजन सिंह हमेशा अपने बयानों के कारण विवादों में आए हो। कोरोना को लेकर किए उनके ट्वीट से कई लोग नाराज हैं।
अपने समय में अपनी स्पिन गेंदबाजी से विरोधी टीम के खिलाड़ियों को झटका देने वाले हरभजन सिंह ने ट्वीट किया। अपने ट्वीट में लिखा “फाइजर और बायोटेक टीकों की सटीकता 94 प्रतिशत है, मोर्डना वैक्सीन की 94.5 प्रतिशत, ऑक्सफोर्ड टीका की 90 प्रतिशत और भारतीयों की रिकवरी दर बिना टीका के 93.6 प्रतिशत है। क्या भारतीयों को वास्तव में टीकों की आवश्यकता है?”
https://twitter.com/harbhajan_singh/status/1334352869877637120
बस फिर क्या था, लोग उन्हें जम कर ट्रोल करने में लग गए है। एक यूजर ने उन्हें फॅमिली वाट्सएप ग्रुप के मामा-फूफा मान लिया।
https://twitter.com/JustAayush/status/1334353805308174339
एक यूजर ने उनपर तंज कसते हुए जवाब दिया है, जब भारतीय बल्लेबाज 350 रन चेज कर सकते हैं तो फिर हमें स्पेशलिस्ट गेंदबाजों की क्यों जरूरत पड़ती है? पार्ट टाइम गेंदबाज से भी काम चल सकता है, जब स्पिनर गेंदबाजी कर रहा होता है तो हम पैड क्यों लगाते हैं, हमारी हड्डियां इतनी मजबूत होती तो हैं!
एक यूजर ने लिखा कि वैक्सीन की असर क्षमता का आंकलन 93.6 प्रतिशत ठीक होने वाले लोगों पर नहीं किया गया। ये उन 6.4 प्रतिशत लोगों के लिए हैं जो रिकवर नहीं हो पा रहे हैं।
The percentage of vaccine accuracy are not for those 93.6% who recovered. It's for those remaining 6.4% who are not recovered!! Everyone must be cured!!
— Tamizhan (@Indian96023421) December 3, 2020
— lohith yalamanchi (@YalamanchiL) December 4, 2020
एक उपयोगकर्ता तो एक हद ही कर दी और लोकप्रिय वेब श्रृंखला मिर्ज़ापुर की एक तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा कि हमें आपसे बहुत उम्मीदें थीं।
— Achal ® (@getAchal) December 3, 2020
बात भी सही है कि देश के एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में उनका ट्वीट उस समय उचित नहीं है जब लोग कोरोना महामारी जैसी गंभीर बीमारी से मर रहे हैं और पूरी दुनिया अभी भी महामारी से लड़ रही है।