कठोर जल के कारण पैदा हो सकती हैं कई समस्याएं
लंदन (ईएमएस)। कठोर जल अपने के लिए बहुत नुकसान पहुंचा सकता हैं यदि अगर आपके घर में भी कठोर जल आता है, तो सावधान हो जाएं। इससे न सिर्फ आपकी त्वचा खराब हो सकती है, बल्कि एक्जिमा की समस्या भी हो सकती है। इसमें कैल्शियम और मैग्नीशियम आयनों का स्तर उच्च होता है, जो सोडियम लॉरिल सल्फेट (एसएलएस) और सोडियम लॉरिल ईथर सल्फेट (एसएलईएस) जैसे सर्फेक्ट्स बनाते हैं। ये डिटर्जेंट या वेटिंग एजेंट्स की तरह काम करते हैं और उसे अघुलनशील बना देते हैं, जो त्वचा पर जमा हो जाते हैं। ऐसा होने पर बाहरी खतरों जैसे बैक्टीरिया, सनबर्न और एक्जिमा के विकास का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि इन खतरों से बचाने वाले स्किन बैरियर डैमेज हो जाते हैं। यह जानकारी एक शोध में सामने आई है। उन्होंने पाया कि कठोर पानी के संपर्क में आने पर त्वचा के बैरियर को नुकसान होता है। इसके साथ ही रोजाना धोने में इस्तेमाल होने वाले प्रोडक्ट्स जैसे साबुन और वॉशिंग पाउडर में मौजूद संभावित इरिटेंट्स के प्रति त्वचा की संवेदनशीलता बढ़ जाती है। त्वचा का पीएच सामान्य रूप से अम्लीय होता […]
लंदन (ईएमएस)। कठोर जल अपने के लिए बहुत नुकसान पहुंचा सकता हैं यदि अगर आपके घर में भी कठोर जल आता है, तो सावधान हो जाएं। इससे न सिर्फ आपकी त्वचा खराब हो सकती है, बल्कि एक्जिमा की समस्या भी हो सकती है। इसमें कैल्शियम और मैग्नीशियम आयनों का स्तर उच्च होता है, जो सोडियम लॉरिल सल्फेट (एसएलएस) और सोडियम लॉरिल ईथर सल्फेट (एसएलईएस) जैसे सर्फेक्ट्स बनाते हैं। ये डिटर्जेंट या वेटिंग एजेंट्स की तरह काम करते हैं और उसे अघुलनशील बना देते हैं, जो त्वचा पर जमा हो जाते हैं।
ऐसा होने पर बाहरी खतरों जैसे बैक्टीरिया, सनबर्न और एक्जिमा के विकास का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि इन खतरों से बचाने वाले स्किन बैरियर डैमेज हो जाते हैं। यह जानकारी एक शोध में सामने आई है। उन्होंने पाया कि कठोर पानी के संपर्क में आने पर त्वचा के बैरियर को नुकसान होता है। इसके साथ ही रोजाना धोने में इस्तेमाल होने वाले प्रोडक्ट्स जैसे साबुन और वॉशिंग पाउडर में मौजूद संभावित इरिटेंट्स के प्रति त्वचा की संवेदनशीलता बढ़ जाती है।
त्वचा का पीएच सामान्य रूप से अम्लीय होता है, लेकिन हार्ड वॉटर में पानी में उच्च क्षारीयता होती है, जिससे यह त्वचा की सतह के पीएच को बढ़ा देता है। क्षारीय पीएच की ओर बदलाव होने पर प्राकृतिक बैरियर के रूप में त्वचा के प्राकृतिक कार्य में परेशानी होने लगती है। ऐसा होने पर संभावित रूप से रोगजनक बैक्टीरिया के त्वचा में बसने का खतरा पैदा हो जाता है, जिससे संक्रमण हो सकता है।
शेफील्ड विश्वविद्यालय की साइमन डैनबी ने कहा कि हार्ड वॉटर का इस्तेमाल करने पर स्किन बैरियर को नुकसान होने से एक्जिमा की बीमारी होने की भी आशंका होती है। यह एक गंभीर स्थिति है, जिसमें त्वचा बेहद खुजलीदार हो जाती है और लाल धब्बे दिखने लगते हैं।