दक्षिण गुजरात के समुद्र तट पर डोल्फीन के बाद व्हेल शार्क की दस्तक
सोमवार दोपहर सूरत के डुमस समुद्री तट पर विशालकाय व्हेल शार्क मछली जाल में फंसी पाई गई। समुद्र में ज्वार के पानी के बहाव के जाल में फंसी शार्क शायद बह कर आई और फिर किनारे पर पड़ी रह गई। 15 फूट लंबी और लगभग 250 किलो वजनी शार्क को फिर वन विभाग के कर्मचारियों ने गांववालों की मदद से बड़ी मेहनत से पुनः समुद्र में पहुंचाकर उसकी जान बचाई। पर्यावरण के लिये कार्य करने वाले एनजीओ प्रयास के दर्शन देसाई के अनुसारइससे पहले सूरत की तापी नदी में डोल्फीन भी नजर आई थी। उल्लेखनीय है कि व्हेल शार्क समुद्र में पाया जाने वाला सबसे बड़ा जानवर है। इसके दक्षिण गुजरात के समुद्री क्षेत्र में दिखाई देना एक शुभ संकेत है। यह शार्क व्यस्क थी और संभव है कि प्रजनन के लिये दक्षिण गुजरात के समुद्र तटीय क्षेत्र में आई हो। व्हेल शार्क प्रजजन के लिये अफ्रिका से तैर कर अरब सागर में सौराष्ट्र तक आती रही हैं। एक अंग्रेजी न्यूज पोर्टल की रिपोर्ट के मुताबिक जाल में फंस कर डुमस किनारे पहुंची शार्क घायल अवस्था में थी और उसे […]
सोमवार दोपहर सूरत के डुमस समुद्री तट पर विशालकाय व्हेल शार्क मछली जाल में फंसी पाई गई। समुद्र में ज्वार के पानी के बहाव के जाल में फंसी शार्क शायद बह कर आई और फिर किनारे पर पड़ी रह गई। 15 फूट लंबी और लगभग 250 किलो वजनी शार्क को फिर वन विभाग के कर्मचारियों ने गांववालों की मदद से बड़ी मेहनत से पुनः समुद्र में पहुंचाकर उसकी जान बचाई। पर्यावरण के लिये कार्य करने वाले एनजीओ प्रयास के दर्शन देसाई के अनुसारइससे पहले सूरत की तापी नदी में डोल्फीन भी नजर आई थी।
उल्लेखनीय है कि व्हेल शार्क समुद्र में पाया जाने वाला सबसे बड़ा जानवर है। इसके दक्षिण गुजरात के समुद्री क्षेत्र में दिखाई देना एक शुभ संकेत है। यह शार्क व्यस्क थी और संभव है कि प्रजनन के लिये दक्षिण गुजरात के समुद्र तटीय क्षेत्र में आई हो। व्हेल शार्क प्रजजन के लिये अफ्रिका से तैर कर अरब सागर में सौराष्ट्र तक आती रही हैं।
एक अंग्रेजी न्यूज पोर्टल की रिपोर्ट के मुताबिक जाल में फंस कर डुमस किनारे पहुंची शार्क घायल अवस्था में थी और उसे खून भी निकल रहा था। इतनी बड़ी मछली को इस प्रकार गांववालों ने पहले कभी नहीं देखा था इसलिये वे इस स्थिति का समाधान कैसे किया जाए, शार्क को जाल से निकाल कर पुनः समुद्र में कैसे पहुंचाया जाए यह फैसला नहीं कर पा रहे थे। गांववाले मछली का वीडियो बनाने में लग गये। कुछेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल में हुए। एक वीडियो में लोग यह कहते सुने गये कि कैसे इस शार्क के टुकड़े करके गांव वालों में बांट दिये जाएं!
घायल शार्क को बचाने का जिम्मा वन विभाग ने उठाया। सूरत वन विभाग के उप संरक्षक पुनीत नैय्यर के अनुसार विभाग के कर्मियों ने शार्क के जाल को काटकर लकड़े के पाटों का उपयोग करके पुनः समुद्र में पहुंचाया। आम तौर पर शार्क अपने में शरीर में मौजूद ऑक्सिजन की बदौलत तीन घंटे तक जिंदा रह सकती है। पहले के इस प्रकार के किसी अनुभव न होने के बावजूद वन विभाग ने काबिलेतारीफ काम किया और तीन घंटों के भीतर ही उसे फिर पानी में पहुंचा दिया।
#Gujarat: #Whale #shark trapped in net, survives hours on rocky shore, released in sea #Surat #Dumas @timesofindia
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