लोगों ने मूर्ति ही तोड़ डाली, अब रावण का मंदिर कैसे बनेगा? 11 अगस्त को राम की प्रतिमा के साथ होनी थी स्थापना
लखनऊ। हिंदू संगठनों ने मंदिर परिसर में घुसकर रावण की प्रतिमा तोड़ दी। उत्तर प्रदेश के जनपद गौतमबुद्ध नगर के बिसरख धाम में 11 अगस्त को रावण के मूर्ति की स्थापना की जानी थी। साथ ही राम दरबार, राधा-कृष्णा मंदिर, गणेश जी की मूर्ति, दुर्गा मां के प्रतिमा की भी स्थापना होनी थी। मंदिर के महंत अशोका नंद महाराज का आरोप है गौरक्षक और हिंदू दल के लोगों ने तोडफ़ोड़ की है। हालांकि उनका कहना था कि ये गौरक्षक असली थे या नकली, उन्हें नहीं पता. अशोका नंद महाराज ने बताया कि मंदिर में राम के साथ रावण की मूर्ति की स्थापना 11 अगस्त को की जानी थी। इसके अलावा भगवान गणेश और रावण के पिता ऋषि विश्रवा की मूर्ति कर स्थापना होनी थी। लेकिन इसके पहले ही कुछ संगठनों और महंतों ने मिलकर रावण के मंदिर में हमलाकर मंदिर को नुकसान पहुंचाया और मूर्ति को खंडित किया। गौरतलब है कि बिसरख रावण के पिता ऋषि विश्रवा की तपोस्थली है। यहीं रावण का जन्म भी हुआ था। इसी वजह से यहां रावण का मंदिर आस्था का प्रतीक माना जाता था। […]
लखनऊ। हिंदू संगठनों ने मंदिर परिसर में घुसकर रावण की प्रतिमा तोड़ दी। उत्तर प्रदेश के जनपद गौतमबुद्ध नगर के बिसरख धाम में 11 अगस्त को रावण के मूर्ति की स्थापना की जानी थी। साथ ही राम दरबार, राधा-कृष्णा मंदिर, गणेश जी की मूर्ति, दुर्गा मां के प्रतिमा की भी स्थापना होनी थी।
मंदिर के महंत अशोका नंद महाराज का आरोप है गौरक्षक और हिंदू दल के लोगों ने तोडफ़ोड़ की है। हालांकि उनका कहना था कि ये गौरक्षक असली थे या नकली, उन्हें नहीं पता. अशोका नंद महाराज ने बताया कि मंदिर में राम के साथ रावण की मूर्ति की स्थापना 11 अगस्त को की जानी थी। इसके अलावा भगवान गणेश और रावण के पिता ऋषि विश्रवा की मूर्ति कर स्थापना होनी थी।
लेकिन इसके पहले ही कुछ संगठनों और महंतों ने मिलकर रावण के मंदिर में हमलाकर मंदिर को नुकसान पहुंचाया और मूर्ति को खंडित किया।
गौरतलब है कि बिसरख रावण के पिता ऋषि विश्रवा की तपोस्थली है। यहीं रावण का जन्म भी हुआ था। इसी वजह से यहां रावण का मंदिर आस्था का प्रतीक माना जाता था। अशोका नंद ने बताया कि करीब पांच साल से मंदिर में रावण की मूर्ति की स्थापना की तैयारी की जा रही थी। इसके लिए मंदिर का पुर्ननिर्माण करीब दो करोड़ रुपए में कराया गया था। यहां लगी दशकों पुरानी मूर्तियों को भी लोगों ने तोड़ दी।