किस्मत ही थी कि धोनी की कप्तानी में खेल सका : खलील अहमद
नई दिल्ली। एशिया कप में दमदार प्रभाव छोड़ने वाले बाएं हाथ के तेज गेंदबाज खलील अहमद उन खुशकिस्मत युवा खिलाड़ियों में शामिल हैं, जो महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में खेले हैं। धोनी ने जब कप्तानी छोड़ी थी, तब खलील उनकी कप्तानी में नहीं खेल पाने का मलाल था लेकिन जब एक मैच के लिए धोनी कप्तान बने तो खलील का सपना पूरा हो गया। धोनी ने वैसे तो कुछ वर्ष पूर्व ही भारत की वनडे और टी-20 कप्तानी छोड़ दी थी, लेकिन एशिया कप में अफगानिस्तान के खिलाफ टीम ने फाइनल से पहले अपने कप्तान रोहित शर्मा और उप-कप्तान शिखर धवन को आराम दिया था और ऐसे में धोनी को कप्तानी करने का मौका मिला था। उस मैच में खलील मैदान पर उतरे थे। वह उनका दूसरा अंतर्राष्ट्रीय मैच था। खलील ने आईएएनएस से फोन पर साक्षात्कार में कहा, “मेरी बहुत ख्वाहिश थी कि मैं धोनी की कप्तानी में खेलूं। लेकिन वो कप्तानी पहले ही छोड़ चुके थे। शायद यह मेरी किस्मत ही थी कि वह एक मैच के लिए कप्तान बने और मैं उनकी कप्तानी में खेला। इसमें […]

नई दिल्ली। एशिया कप में दमदार प्रभाव छोड़ने वाले बाएं हाथ के तेज गेंदबाज खलील अहमद उन खुशकिस्मत युवा खिलाड़ियों में शामिल हैं, जो महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में खेले हैं। धोनी ने जब कप्तानी छोड़ी थी, तब खलील उनकी कप्तानी में नहीं खेल पाने का मलाल था लेकिन जब एक मैच के लिए धोनी कप्तान बने तो खलील का सपना पूरा हो गया।
धोनी ने वैसे तो कुछ वर्ष पूर्व ही भारत की वनडे और टी-20 कप्तानी छोड़ दी थी, लेकिन एशिया कप में अफगानिस्तान के खिलाफ टीम ने फाइनल से पहले अपने कप्तान रोहित शर्मा और उप-कप्तान शिखर धवन को आराम दिया था और ऐसे में धोनी को कप्तानी करने का मौका मिला था।
उस मैच में खलील मैदान पर उतरे थे। वह उनका दूसरा अंतर्राष्ट्रीय मैच था। खलील ने आईएएनएस से फोन पर साक्षात्कार में कहा, “मेरी बहुत ख्वाहिश थी कि मैं धोनी की कप्तानी में खेलूं। लेकिन वो कप्तानी पहले ही छोड़ चुके थे। शायद यह मेरी किस्मत ही थी कि वह एक मैच के लिए कप्तान बने और मैं उनकी कप्तानी में खेला। इसमें खुशी बात और यह थी कि इस मैच में हम तीन तेज गेंदबाज खेले थे और धोनी में मुझे पहला ओवर करने के लिए चुना था।”
This Asia cup wasn’t just about one player,it was about the entire unit both on and off the field. Such a special game & such a special win.Most importantly our unbelievable fans who cheered us throughout the games in that heat helped us raise this trophy! 🙌 🏆 pic.twitter.com/BddOAnaqLz
— Rohit Sharma (@ImRo45) September 29, 2018
कप्तान के तौर पर यह धोनी का 200वां मैच था। इस बेहद रोमांचक मैच का नतीजा टाई रहा था। भारत ने इस मैच में नौ विकेट खो दिए थे, तब खलील ने बल्लेबाजी के लिए कदम रखा था। उन्होंने कहा कि उस समय वह सिर्फ दूसरे छोर पर खड़े रवींद्र जड़ेजा को स्ट्राइक देने के बारे में सोच रहे थे।
उन्होंने कहा, “मुझ पर दबाव था क्योंकि नौ विकेट गिर गए थे और अगर मैं आउट हो जाता तो हम मैच हार जाते। इसलिए मेरी कोशिश सामने खड़े जड़ेजा को स्ट्राइक देने की थी।”
राजस्थान के टोंक से आने वाले इस युवा गेंदबाज का सपना भारतीय टीम का सबसे भरोसेमंद गेंदबाज बनना है। अपने लक्ष्य के बारे में बताते हुए खलील ने कहा, “मैं टीम का अहम गेंदबाज बनना चाहता हूं। मैं ऐसा गेंदबाज बनना चाहता हूं कि कप्तान टीम को किसी भी स्थिति में बाहर निकालने के लिए अगर किसी गेंदबाज को देख रहा है तो उसके दिमाग में सबसे पहला नाम मेरा आना चाहिए। न उसे सोचना पड़े ने देखना पड़े। वो आए और मुझे गेंद दे। मैं ऐसा गेंदबाज बनना चाहता हूं।”
खलील को वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली जाने वाली पांच मैचों की वनडे सीरीज के शुरुआती दो मैचों में टीम में चुना गया है। उन्होंने कहा कि इस सीरीज में उनकी कोशिश वही करने की होगी जो वह करते आ रहे हैं।
खलील ने अपना अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण मैच हांगकांग के खिलाफ खेला था और उस मैच में 10 ओवरों में 48 रन देकर तीन विकेट लिए थे। इस 20 साल के युवा गेंदबाज के आदर्श जहीर खान के पदार्पण मैच के भी यही आंकड़े थे। जहीर ने नैरोबी में सन 2000 में केन्या के खिलाफ वनडे में पदार्पण किया था।
इस इत्तेफाक पर खलील ने कहा, “यह मेरे लिए अच्छी चीज रही। यह मुझे याद दिलाती है कि जहीर खान ने जो भारत के लिए किया वो मुझे करना है और उससे भी आगे जाना है। जब इस तरह की चीजें होती हैं तो मुझे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है कि मैं सही रास्ते पर चल रहा हूं।”
खलील इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पिछले सीजन में सनराइजर्स हैदरबाद के लिए खेले थे। इससे पहले वह जहीर खान की कप्तानी में दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेल चुके थे।
खलील से जब पूछा गया कि डेयरडेविल्स में जहीर के साथ सफर कैसा रहा तो उन्होंने जवाब दिया, “मैंने उनसे अलग-अलग पिचों पर गेंदबाजी करने के बारे में पूछा था कि जब विकेट तेज गेंदबाजों के लिए मददगार न हो तो किस तरह से विकेट ले सकते हैं। वह इसी बारे में बताते थे। साथ ही तकनीकी तौर पर भी उन्होंने मुझे काफी कुछ बताया जिन्हें मानकर मुझे फायदा हुआ।”
अपनी सफलता के लिए 20 साल के इस युवा ने सिर्फ जहीर को ही नहीं बल्कि डेयरडेविल्स के मेंटॉर रह चुके अंडर-19 और इंडिया-ए टीम के मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ को भी काफी श्रेय दिया।
राहुल की कोचिंग में 2016 में अंडर-19 विश्व कप खेलने वाले खलील ने कहा, “मुझे यहां तक पहुंचाने में उनका (राहुल द्रविड़) का बहुत बड़ा हाथ है। मैं क्रिकेट में उनकी देखरेख में ही इतना मेच्योर हुआ हूं। मैं अंडर-19 में भी उनके अंडर खेला। इंडिया-ए में भी खेला। वह खिलाड़ी पर ज्यादा दबाव नहीं डालते हैं। चाहें फाइनल हो या पहला मैच हो, वह खिलाड़ी को सहज महसूस कराते हैं। इसी कारण उनकी देखरेख में खिलाड़ी काफी मेच्योर बनते हैं।”
खलील को उम्मीद है कि वह आगामी आस्ट्रेलिया दौर पर कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद भी वह भारतीय टीम में जगह बना पाने में सफल रहेंगे।
-आईएएनएस