मंदिरों में बन रहे हैं नियम, प्रसाद व चरणामृत पर प्रतिबंध!

लॉकडाउन के कारण मंदिरों के कपाट बंद हैं। ऐसे में लोगों को मंदिर जाने से भी मना कर दिया गया है। जिससे कोराना वायरस का संक्रमण अधिक न फैले। इस बीच मंदिर में मिलनेवाली प्रसाद व चरणामृत पर भी रोक लगाए जाने के संदेश मिल रहे हैं। बता दें 23 मार्च से मंदिरों में भी ताला लग गया है। पुजारी के अलावा अन्य किसी को मंदिर में जाने की अनुमति नहीं है। वैसे भी अब लॉकडाउन 4 का अमल 18 मई से होनेवाला है। अब देखना यह है कि लॉकडाउन के समाप्त होने के बाद मंदिर में किस प्रकार के नियम और कैसी नीति को ध्यान में लिया जाएगा। इस बात पर सभी भक्तों की निगाहें टिकी हैं। इसके लिए भारत के सभी राज्यों ने अपने-अपने तरह से मार्गदर्शिका तैयार की है।
इस संक्रमण को रोकने के लिए सामाजिक अंतर सबसे महत्वपूर्ण है। वर्तमान समय में मंदिर बंद रखे जाएंगे, किंतु देशभर की राज्य सरकारों और मंदिर प्रशासन लॉकडाउन संपूर्ण तौर पर खुलने के बाद कैसी व्यवस्था करनी चाहिए इस संबंध में विचार कर रही है। लॉकडाउन खुलने के बाद भी मंदिर में सामाजिक अंतर का अनुसरण किया जाएगा। आंध्र प्रदेश और कर्णाटक ने भी नए नियम बनाएं हैं। बहरहाल अभी अंतिम निर्णय लेना बाकी है।
ऐसे हो सकते हैं नए नियम
- चरणामृत और प्रसाद वितरण पर प्रतिबंध रहेगा
- गर्भगृह में जाने हेतु किसी को परमिशन नहीं दी जाएगी
- दर्शन के लिए आधारकार्ड जरुरी होगा
- भगवान दूर से दिखेंगे
- एक दिन पहले से स्लॉट्स बुक कराना होगा
- एसएमएस से जानकारी प्राप्त करेंगे
- फूलों और माला पर प्रतिबंध लगा सकते हैं
गुरुद्वारा में भी नियम बदली जा सकती है
लंगर भीड़ को रोकने और गुरुद्वारा में सामाजिक अंतर बनाए रखने के लिए गुुरुद्वारा समितियां भी इस संबंध में विचार कर रही हैं।