भुसावल के रेलवे के रिटायर गार्ड सौ साल के हुए, डबल पेन्शन मिलेगी
केशव बापट 1951 में ग्रेट इन्डियन पेनीनस्युलर रेलवे में शामिल हुए थे नई दिल्ली। रिटायर होने वाले रेलवे गार्ड में सबसे ज्यादा उम्र के केशव नरहर बापट शनिवार को सौ साल के हो गए। वे सेन्ट्रल रेलवे में या पुरानी ग्रेट इन्डियन पेनीनस्युलर रेलवे में 1951 में सेवारत हुए थे। नौकरी के 42 वर्ष के बाद वे सेवानिवृत्त हुए। सेन्ट्रल रेलवे ने शुभकामना के तौरपर बापट की मासिक पेन्शन चालू माह से दोगुनी करने का फैसला लिया। शनिवार को रेलवे अधिकारियों ने महाराष्ट्र के भुसावल में रहने वाले बापट का जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। इसके अलवावा भुसावल रेलवे के डिवीजनल मैनेजर की ओर से शुभेच्छा पत्र भी भेजा गया। विभाग के अधिकारी खुद बापट के घर गए थे और उन्हें सौ साल पूरे होने पर जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। रेलवे मैनेजर ने कहा कि बापट का परिवार हमें देखकर आश्ïचर्यचकित हो गया। बापट 1951 में रेलवे में शामिल हुए थे। इस वर्ष उन्हें मध्य रेलवे में परिवर्तित किया गया था। इसके बाद 1978 में वे गार्ड के तौरपर रिटायर हुए थे। उनके परिवार के सदस्यों ने कहा कि वे रेलवे […]

केशव बापट 1951 में ग्रेट इन्डियन पेनीनस्युलर रेलवे में शामिल हुए थे
नई दिल्ली। रिटायर होने वाले रेलवे गार्ड में सबसे ज्यादा उम्र के केशव नरहर बापट शनिवार को सौ साल के हो गए। वे सेन्ट्रल रेलवे में या पुरानी ग्रेट इन्डियन पेनीनस्युलर रेलवे में 1951 में सेवारत हुए थे। नौकरी के 42 वर्ष के बाद वे सेवानिवृत्त हुए। सेन्ट्रल रेलवे ने शुभकामना के तौरपर बापट की मासिक पेन्शन चालू माह से दोगुनी करने का फैसला लिया।
शनिवार को रेलवे अधिकारियों ने महाराष्ट्र के भुसावल में रहने वाले बापट का जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। इसके अलवावा भुसावल रेलवे के डिवीजनल मैनेजर की ओर से शुभेच्छा पत्र भी भेजा गया। विभाग के अधिकारी खुद बापट के घर गए थे और उन्हें सौ साल पूरे होने पर जन्मदिन की शुभकामनाएं दी।
रेलवे मैनेजर ने कहा कि बापट का परिवार हमें देखकर आश्ïचर्यचकित हो गया। बापट 1951 में रेलवे में शामिल हुए थे। इस वर्ष उन्हें मध्य रेलवे में परिवर्तित किया गया था। इसके बाद 1978 में वे गार्ड के तौरपर रिटायर हुए थे।
उनके परिवार के सदस्यों ने कहा कि वे रेलवे में शामिल होने से पहले ब्रिटिश सेना में थे और दूसरे विश्व युद्ध में भी शामिल थे। उन्होंने कई देशों की यात्रा की हैं। सेना से स्वैच्छिक निवृत्ति के बाद वे रेलवे में शामिल हुए थे। वहां उन्हें ट्रेन गार्ड के तौरपर नौकरी मिली थी।