मुंबई: सोशल मीडिया पर मृत घोषित डॉक्टर ठीक होकर लौटा घर

पश्चिमी हिस्से में रहने वाले और सोशल मीडिया पर मृत घोषित डॉक्टर कोरोना से लगभग तीन सप्ताह तक लड़ने के बाद जीवित घर लौट आए। सांता क्रूज़ के शेनॉय परिवार की अग्निपरीक्षा 28 मई की शाम को तब शुरू हुई जब 62 वर्षीय डॉ. स्प्रिंग शेनॉय का ऑक्सीजन स्तर खतरनाक रूप से कम हो गया था। डॉ शेनॉय को शहर के सबसे कुशल सामान्य चिकित्सकों में से एक माना जाता है। डॉ। शेनॉय ने कहा ‘हालांकि मैं काफी स्वस्थ था, लेकिन मैंने अपने डॉक्टर दोस्तों की राय जानना चाही, मेरे डॉक्टर मित्र अभिषेक भार्गव को संदिग्ध हाइपोक्सिया का पता चला था, जो कोविड -19 का एक दुर्लभ और क्रूर रूप था।
अगले साढ़े तीन घंटे तक डॉक्टर ने अस्पतालों में फ़ोन कर-करकेबिस्तर खोजने की कोशिश की। आखिरकार डॉक्टर को स्थानीय विधायक अमित साटम की मदद लेनी पड़ी।इसके आधे घंटे के भीतर ही अमित ने अंधेरी (पश्चिम) के ब्रह्माकुमारी में ग्लोबल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में एक बीएमसी एम्बुलेंस और एक बिस्तर की व्यवस्था की।
डॉ। शेनॉय ने आगे कहा “मैं आम आदमी की दुर्दशा की कल्पना कर सकता हूं।” जब मेरी पत्नी और बेटियाँ दोनों डॉक्टर हैं और वे अस्पताल में बिस्तर खोजने के लिए भयावह रूप से फोन कर रही थीं। तो आम आदमी का क्या होता होगा।थोड़ी ही देर में सोशल मीडिया पर मेरी मौत की खबर फैल गई और लोगों ने मेरे मरने की बात सही मानते हुए पोस्ट करना शुरू कर दिया जिसने मेरे परिवार के मानसिक आघात को बढ़ाना शुरू कर दिया।’
हालांकि बाद में डॉक्टर की बेटी डॉ. प्रियंका ने टेक्सटिंग करके अपने पिता के स्वास्थ्य के बारे में सभी को जानकारी दी। डॉक्टर प्रियंका ने एक संदेश भेजते हुए कहा, “जैसा कि आप सभी को बताना चाहती हूँ कि मेरे पिता डॉ. वसंत शेनॉय अस्पताल में भर्ती हैं। उसकी हालत अब स्थिर है और सोशल मीडिया पर फैली सभी जानकारी के विपरीत वह कभी भी वेंटिलेटर पर नहीं थे।’