कांग्रेस से नजदीकियां भारी पड़ीं; कंप्यूटर बाबा का आश्रम टूटा और जेल जाना पड़ा गया
इंदौर में कंप्यूटर बाबा का दो एकड़ का अवैध आश्रम, जो राजनीतिक संबंधों के कारण बहुत बहस का विषय रहा है, को रविवार को ध्वस्त कर दिया गया। जब बाबा ने विरोध किया, तो उनके साथ सात लोगों को गिरफ्तार किया गया और जेल में डाल दिया गया। बाबा को भाजपा की आलोचना करना महंगा पड़ गया। इंदौर के जंबुडी हप्सी गाँव में कंप्यूटर बाबा, जिनका असली नाम नामदेव दास त्यागी है, का सरकारी ज़मीन पर बना अवैध आश्रम रविवार को ध्वस्त कर दिया गया। डिमोलीशन करने पहुंचे अधिकारियों ने कहा कि अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए बाबा को पहले नोटिस भेजा गया था। सरकारी जमीन को भी खाली करने का आदेश दिया गया था। कंप्यूटर बाबा ने 2 एकड़ सरकारी जमीन पर एक आश्रम, एक शेड और एक पक्के घर का निर्माण किया हुआ था। बाबा के आश्रम में सभी आधुनिक सुख-सुविधाएं स्थापित की हुई थीं। जिला योजना समिति द्वारा गौशाला के उद्देश्य से वर्ष 2000 में ये जमीन आवंटित की गई थी, लेकिन बाबा ने इस पर कब्जा जमा लिया था। कंप्यूटर बाबा के आश्रम से एक […]

इंदौर में कंप्यूटर बाबा का दो एकड़ का अवैध आश्रम, जो राजनीतिक संबंधों के कारण बहुत बहस का विषय रहा है, को रविवार को ध्वस्त कर दिया गया। जब बाबा ने विरोध किया, तो उनके साथ सात लोगों को गिरफ्तार किया गया और जेल में डाल दिया गया। बाबा को भाजपा की आलोचना करना महंगा पड़ गया।
इंदौर के जंबुडी हप्सी गाँव में कंप्यूटर बाबा, जिनका असली नाम नामदेव दास त्यागी है, का सरकारी ज़मीन पर बना अवैध आश्रम रविवार को ध्वस्त कर दिया गया। डिमोलीशन करने पहुंचे अधिकारियों ने कहा कि अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए बाबा को पहले नोटिस भेजा गया था। सरकारी जमीन को भी खाली करने का आदेश दिया गया था। कंप्यूटर बाबा ने 2 एकड़ सरकारी जमीन पर एक आश्रम, एक शेड और एक पक्के घर का निर्माण किया हुआ था। बाबा के आश्रम में सभी आधुनिक सुख-सुविधाएं स्थापित की हुई थीं। जिला योजना समिति द्वारा गौशाला के उद्देश्य से वर्ष 2000 में ये जमीन आवंटित की गई थी, लेकिन बाबा ने इस पर कब्जा जमा लिया था। कंप्यूटर बाबा के आश्रम से एक 315 बोर की बंदूक और एक एयर गन भी जब्त की गई है।
कंप्यूटर बाबा ने गौशाला की जमीन पर कब्जा कर अवैध आश्रम बनाया था। इंदौर नगर निगम के अधिकारी रविवार को बाबा के आश्रम के डिमोलीशन के लिए पुलिस के काफिले के साथ पहुंचे थे। जब बाबा और उनके अनुयायियों ने विरोध किया, तो उन्हें गिरफ्तार कर बाबा सहित 7 लोगों को सेंट्रल जेल भेज दिया गया।
बाबा के आश्रम को अचानक ढहा दिये जाने का कारण यह है कि पहले शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री थे तब कम्यूटर बाबा को एक मंत्री का दर्जा दिया गया था। लेकिन उसके बाद जब विधानसभा चुनाव हुआ तो बाबा ने कांग्रेस का रुख कर लिया। उसके बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई, लेकिन लंबे समय तक नहीं चली। भाजपा सरकार फिर आई और शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने। हाल ही में मध्य प्रदेश में 28 सीटों के लिए हुए उपचुनावों में बाबा ने कांग्रेस के लिए खुलकर प्रचार किया था। तो आप समझ ही गए होंगे कि आश्रम क्यों टूटा?
कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया कि बदले की कार्रवाई करते हुए बाबा के आश्रम और मंदिर को बिना किसी नोटिस के ढहा दिया गया। यह राजनीतिक दुश्मती की पराकाष्ठा है जिसकी मैं निंदा करता हूं। दूसरी ओर, देपालपुर के कांग्रेस विधायक विशाल पटेल ने कहा कि बाबा के आश्रम में मंदिर है जो कलोटा समुदाय का है। अगर मंदिर को ध्वस्त किया गया तो कलोटा समाज आंदोलन करेगा।
इंदौर में बदले की भावना से Computer बाबा का आश्रम व मंदिर बिना किसी नोटिस दिए तोड़ा जा रहा है। यह राजनैतिक प्रतिशोध की चरम सीमा है। मैं इसकी निंदा करता हूँ।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) November 8, 2020