साइकल द्वारा युवक कर रहा है दुनिया की सैर, मां के साथ निकल पड़ा है कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए

साइकल द्वारा युवक कर रहा है दुनिया की सैर, मां के साथ निकल पड़ा है कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए

24 साल की उम्र में कैंसर की बीमारी से डायग्नोज होने वाले ल्यूक ने अन्य कैंसर पीड़ितों की मदद करने के लिए शुरू किया है अनोखा अभियान

यदि मन में जज्बा हो तो हालात मुश्किल होते हुए भी राह मिल ही जाती है। यदि आपने कोई काम करने की ठान ही ली है तो किसी भी परिस्थिति में आप उसे हासिल कर सकते है। इस बात का उदाहरण पेश कर रहे है कैंसर से पीड़ित ब्रिटिश नागरिक ल्यूक ग्रेनफेल, जो को फिलहाल भारत के वाराणसी में डेरा डाले हुए है। ल्यूक ग्रेनफेल शॉ कैंसर से पीड़ित है और वह लंदन के ब्रिस्टल के रहने वाले हैं।
ल्यूक ग्रेनफेल को 24 साल की उम्र में खुद को कैंसर का पता चला। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और कैंसर से पीड़ित लोगों की मदद के लिए फंड जुटाने के लिए निकल पड़े। ल्यूक ने तय किया कि आगे चलकर वह दुनिया के लिए कुछ ऐसा करेंगे जिससे लोग कैंसर जैसी बीमारियों से जूझ सकें।
ल्यूक ने फैसला किया है कि वह ब्रिस्टल से चीन तक 13,000 किमी की यात्रा करेंगे और एक बड़ा फंड जुटाएंगे ताकि आने वाली पीढ़ियां कैंसर से लड़ सकें। खास बात यह है कि ल्यूक यह यात्रा अपनी मां के साथ कर रहे हैं और वे कई दर्जन देशों को पार कर वाराणसी पहुंचे हैं।
(Photo Credit : sundayguardianlive.com)
ल्यूक धार्मिक शहर वाराणसी तक पहुंचने के बाद काफी उत्साहित है। वह उम्मीद करते हैं कि दुनिया का सबसे पवित्र शहर वाराणसी, उनकी यात्रा को आसान बना देगा। वाराणसी 'पवित्र शहर' के रूप में पूरे विश्व में प्रसिद्ध है इसलिए वह अपनी मां के साथ वाराणसी आना चाहता था।
उन्होंने यहां की गंगा और वाराणसी शहर के बारे में बहुत कुछ सुना था। उन्होंने बातचीत के दौरान कहा कि जैसा उन्होंने सुना था बिल्कुल वैसा ही उन्हें देखने मिला। यहां के लोग बहुत मिलनसार और सपोर्टिव हैं। आज ल्यूक कोलकाता के लिए रवाना होंगे और वहां से वह बांग्लादेश से होते हुए बीजिंग, चीन जाएंगे।
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