सुगर फैक्ट्री की चीनी निर्यात सबसिडी में कटौती वापस लेने पीएम को पत्र लिखा

सुगर फैक्ट्री की चीनी निर्यात सबसिडी में कटौती वापस लेने पीएम को पत्र लिखा

सूरत के किसान एवं सहकारी अग्रणी दर्शन नायक और संदीप मांगरोला ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर चीनी की निर्यात सब‌सिडी बढ़ाने की मांग की है।

पिछले तीन सालों से चीनी एक्सपोर्ट की 150 करोड की बकाया सबसिडी का सरकार भुगतान करे
सुगर मिलों को सोफ्ट लोन की निति पिछले चार सालों से बंद है उसे चालु करे
सूरत सहित दक्षिण गुजरात में ज्यादातर किसान गन्ने की फसल पर निर्भर है जिने सहकारी अग्रणी और सरकार से अच्छे दामों की आशा होती है। चीनी (सुगर)  का बाजार नीचे जाने से चीनी मिले आर्थिक रुप से कमजोर हो रही है। ऐसी परिस्थिति में केन्द्र सरकार ने चीनी की निर्यात पर सबसिडी घटाने का निर्णय वापस लेने और पिछले तीन सालों से बकाया सबसिडी के रुपये तत्काल भुगतान करने के साथ सुगर मिलों के लिए बंद रखी सोफ्ट लोन जारी रखने के लिए सहकारी अग्रणी संदिप मांगरोला और दर्शन नायक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा। 
गुजरात में 65 हजार टन की उत्पादन क्षमता वाली 15 सुगर मीलों कार्यरत है जो सभी सहकारी सेक्टर की है। 3 लाख से भी अधिक किसान गन्ने की खेती करते है। इन सुगर मीलों पर 2 लाख से अधिक श्रमिकों को प्रत्यक्ष परोक्ष रूप से रोजगारी दी  जाती है। 10 हजार से अधिक ट्रक, ट्रेक्टर और बैलगाडी के मालिक चीनी मीलों पर निर्भर है। 
सायण सुगर मील के डिरेक्टर दर्शन नायक और वखारिया सुगर के पुर्व चेअरमेन संदिप मांगरोला ने कहा चीनी का आवश्यक रूप से निर्यात किया जाता है। सरकार द्वारा 1440 रुपये सबसिडी दी जाती था जिसमें क्रमशः कटौती करके 600 रुपये की गई अब नयी अधिसूचना के तहत और घटाकर 400 रुपये कर ‌दिए है। एक ओर किसानों को नुकसान हो रहा है और दुसरी ओर सरकार ने चीनी निर्यात की सबसिडी में कटौती कर रही है। सरकार ने पिछले तीन सालों से चीनी मीलो, गन्ना किसानों के लिए निर्यात सबसिडी के करीबन 150 करोड रूपये का भुगतान नही किया। बकाया 150 करोड रुपये की सबसिडी तत्काल दी जाए तांकी चीनी उधोग और गन्ना किसानों को आर्थिक समस्या से राहत मिलेगी। 
पिछले साल गन्ने का भाव 2931 से लेकर 2105 रुपये प्रति क्विंटल घोषित हुआ था जिससे किसानों को प्रति क्विंटल 200 से 300 रुपये का नुकसान हुआ था। जिसके सामने सरकार ने खाद, डिजल, लेबर चार्जिस में वृध्दि करने पर उत्पादन चार्ज बढ़ा था। इसके अलावा बिन मौसम बरसात और चक्रवात के कारण किसानों के खेतों में गन्ने की खडी फसल का नुकसान हुआ। उपरोक्त परिबलों को ध्यान में रखे तो आगामी साल में चीनी के भाव पर उसकी सिधी असर हो सकती है। 
सहकारी अग्रणी दर्शन नायक और संदीप मांगरोला ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर चीनी की निर्यात सबसिडी जो घटाई गई है उस अधिसूचना को रद्द करके सबसिडी बढाने की मांग की गई। इसी के साथ सरकार द्वारा चीनी एक्पोर्ट की 150 करोड रूपये की सबसिडी पिछले तीन सालों से बकाया है उसे तत्काल रिलीज करे और
सुगर मिलों को सोफ्ट लोन की निति पिछले चार सालों से बंद है उसे चालु करने की मांग की गयी। 

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