विश्व शेर दिवस : सिंहो के संवर्धन और रक्षण के लिए लोगों में जागरूकता अभियान का मुख्यमंत्री रूपाणी ने किया आह्वान

विश्व शेर दिवस : सिंहो के संवर्धन और रक्षण के लिए लोगों में जागरूकता अभियान का मुख्यमंत्री रूपाणी ने किया आह्वान

2015 के मुक़ाबले अब तक काफी बढ़ चुकी है शेरों की संख्या, भारतीय संस्कृति में सिंहों के महत्व का किया उल्लेख

मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने आज राज्य वन विभाग द्वारा आयोजित विश्व सिंह दिवस के उपलक्ष्य में गांधीनगर से वीडियो कॉन्फ्रेंस में भाग लेते हुए एशिया की शान माने गए सिंह के संवर्धन, संरक्षण और स्वीकृति के प्रति जागरूकता पैदा करने का प्रेरक आह्वान किया। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात भाग्यशाली और गौरवान्वित है कि गुजरात के पास एशियाई शेर की विरासत है। स्थानीय लोगों सहित सोरथ-गिर क्षेत्र के साथ सभी के भावनात्मक संबंध, शेर संरक्षण में योगदान और सार्थक प्रयासों के परिणामस्वरूप हाल के वर्षों में राज्य में शेरों की संख्या में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि शेरों की संख्या 2015 में 529 से बढ़कर अब 674 हो गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वृद्धि स्पष्ट रूप से बताती है कि सौराष्ट्र में मानव आबादी के साथ-साथ शेरों का पालन-पोषण, सार्वजनिक जीवन में स्वीकृति की व्यवस्था एक मानसिकता बन गई है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विश्व सिंह दिवस का उत्सव इस मानसिकता को जगाने और बच्चों और युवाओं सहित सभी को शेरों के संरक्षण, प्रजनन और संरक्षण के लिए प्रेरित करने के लिए उचित होगा। अपनी संस्कृति में सिंह की महानता का वर्णन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नरसिंह अवतार में भगवान विष्णु सिंह ही है, इसके अलावा शेर को माता शाकित के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। इतना ही नहीं, भारत के राजचिन्ह-एम्बलम में भी शेर के चेहरे की प्रतिकृति है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस शेर परियोजना के तहत आने वाले वर्षों में ढांचागत सुविधाओं, रेडियो कॉलर और आधुनिक तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग कर बचाव केंद्रों, अस्पतालों, प्रयोगशालाओं, प्रजनन केंद्रों, शेरों के उपचार केंद्रों के बीच की कड़ी को मजबूत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 2019 में विश्व शेर दिवस के उपलक्ष्य में 5,000 स्कूलों और 11 लाख से अधिक लोगों को शामिल करके गुजरात ने वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह बनाई है।