विश्व पर्यावरण दिवस विशेष : मिलिये सूरत की 'तुलसीभाभी' से, तुलसी के पौधों का करती है निशुल्क वितरण

विश्व पर्यावरण दिवस विशेष : मिलिये सूरत की 'तुलसीभाभी' से, तुलसी के पौधों का करती है निशुल्क वितरण

चार साल में 13 हजार से अधिक तुलसी के पौधों का कर चुकी है मुफ्त में वितरण

आज विश्व पर्यावरण दिवस है। आज के दिन ही लोग पर्यावरण का जतन करने वाले प्रकृतिप्रेमीओं के उमदा कार्यों की चर्चा होती रहती है। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी गृहिणी से मिलाने जा रहे है, जो पिछले चार साल से मुफ्त में सभी को तुलसी के पौधों का वितरण कर रही है। इन सालों में उन्होंने 13 हजार से भी अधिक तुलसी के पौधों का वितरण किया है। लोगों को तुलसी के पौधे मुफ्त में देने के कारण ही लोग उन्हें तुलसी भाभी के नाम से भी जानते है। 
तुलसीभाभी के नाम से मशहूर इस महिला का असली नाम सुरेखाबेन पटेल है, जो की शहर के घोडदोड़ इलाके में रहती है। सुरेखाबेन को बचपन से ही गार्डनिंग का शोख था। 58 साल की उम्र में भी सुरेखाबेन का प्रकृति की तरफ इतना प्रेम देखकर लोग आश्चर्यचकित हो जाते है। उन्हें खास करके तुलसी के पौधे के प्रति खास लगाव है। यही नहीं सुरेखाबेन को तुलसी बेन को तुलसी के सभी गुण भी काफी अच्छी तरह से मालुम है। पिछले साल में उन्होंने 13 हजार से भी अधिक तुलसी के पौधों का फ्री में वितरण किया है। 3 साल पहले ही उन्होंने अपने खेत में 10 हजार तुलसी के पौधों का फ्री में वितरण कर रिकोशर स्थापित किया था। 
बता दे की कोरोना के कारण लोगों का आयुर्वेद पर विश्वास बढ़ा है। खास कर के इस समय में तुलसी की डिमांड काफी अधिक बढ़ गई है। जिसके चलते उन्होंनें 550 जीतने तुलसी के पौधों को तैयार कर उन्हें पारसी समाज और नारी संरक्षण गिरह की लड़कियों को वितरित किया था। सुरेखा बेन वैसे तो परिवार के साथ ऑस्ट्रेलिया में रहते है, पर जब भी भारत आती है, वह सेवा का कार्य करते है। वह अपने खेत में ही पौधों को तैयार करते है और बाद में लोगों को फ्री में बाँट देते है। 
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