इस नियम के आने के साथ ही अब से पुराने वाहनों के लिए चुकाना होगा 8 गुना अधिक रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल फीस

इस नियम के आने के साथ ही अब से पुराने वाहनों के लिए चुकाना होगा 8 गुना अधिक रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल फीस

मौजूदा नीति के तहत मोटरसाइकिलों के लिए पंजीकरण शुल्क लगभग जो अभी 300 रुपये है वो बढ़कर 1,000 रुपये हो जाएगा

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय पुराने वाहनों को धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से हटाने की दिशा में काम कर रहा है। वे सभी प्रकार के वाहनों की बिक्री बढ़ाने के लिए एक वाहन स्क्रैप नीति को लागू करने पर भी विचार कर रहे हैं। जिसके तहत ग्राहकों को अपने पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह नीति 15 वर्ष से अधिक के वाणिज्यिक वाहनों और 20 वर्षों से अधिक के यात्री वाहनों को रद्द कर देगी यदि वे फिटनेस और उत्सर्जन परीक्षण पास नहीं करते हैं।
आपको बता दें कि मौजूदा नीति के तहत मोटरसाइकिलों के लिए पंजीकरण शुल्क लगभग जो अभी 300 रुपये है वो बढ़कर 1,000 रुपये हो जाएगा। जबकि 15 साल से ऊपर के बस या ट्रक के लिए फिटनेस नवीनीकरण प्रमाणपत्र प्राप्त करने की वर्तमान दर जो अभी 1,500 रुपये है वो 12,500 रुपये हो जाएगी। इसके अलावा, निजी वाहन पंजीकरण के नवीनीकरण में किसी भी तरह की देरी के लिए प्रति माह 300 रुपये और वाणिज्यिक वाहनों के लिए 500 रुपये का खर्च आएगा। वाणिज्यिक वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र के नवीनीकरण में देरी पर प्रतिदिन 50 रुपये का जुर्माना लगेगा।
आपको बता दें कि दिल्ली और उसके आसपास 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन पहले से ही प्रतिबंधित हैं। रजिस्ट्रेशन और फिटनेस सर्टिफिकेट रिन्यूअल फीस में बढ़ोतरी का मकसद लोगों को अपने पुराने वाहन रखने से रोकना है। बता दें, निजी वाहन मालिकों को वाहन के 15 साल पुरे होने के बाद हर 5 साल में फिटनेस नवीनीकरण कराना होता है। इसी तरह कमर्शियल व्हीकल के 8 साल पूरे होने के बाद हर साल फिटनेस सर्टिफिकेट का नवीनीकरण कराना होता है। इसके अलावा वाहनों के मैनुअल और ऑटोमेटिक फिटनेस टेस्ट के लिए भी फीस तय की गई है।