PUBG जो ना कराए वो कम है; दोस्त के साथ मोबाईल गेम खेलने ट्रेन रूकवा दी!

PUBG जो ना कराए वो कम है; दोस्त के साथ मोबाईल गेम खेलने ट्रेन रूकवा दी!

दोस्त के साथ खेल सके ऑनलाइन गेम इसलिए पुलिस को कॉल करके दे दी बम होने की गलत जानकारी

आज के समय में मोबाइल किसी खिलौने जैसा हो चुका है। ये आज के समय हर बच्चे के पास उपलब्ध है। माँ-बाप की किसी न किसी कारण से आने बच्चों को फोन दिला दे रहे है। हाल ही में कोरोना के कारण लागू कोरोना के कारण जब स्कूल कॉलेज ऑनलाइन ही चल पा रहा था तब ऑनलाइन क्लास के बहाने बच्चों के पास मोबाइल की उपलब्धता हो गई पर बच्चे पढ़ाई के अलावा ऑनलाइन गेमिंग के लत में फंस गए। अब तो आलम ये है कि बच्चों के अंदर गेम खेलने की ललक कुछ इस हद तक बढ़ चुकी है कि अपने खेल को जारी रखने के लिए वो कुछ भी कर सकते हैं। हाल ही बेंगलुरु से एक ऐसा ही चौकाने और लालबत्ती सामान मामला सामने आया है जहाँ के यलहंका रेलवे स्टेशन पर 30 मार्च को दिन के 2 बजे हेल्प लाइन नंबर 139 पर स्टेशन पर बम होने का एक कॉल आया। 
आपको बता दें कि इस फोन कॉल के बाद पुलिस समेत जरुरी प्रशासन सकते में आ गयी और आनन-फानन में पूरे स्टेशन को खाली कराया दिया गया। इसके बाद पुलिस ने चप्पा-चप्पा छान मारा। लगभग दो घंटे की मशक्कत के बाद भी जब पुलिस और बम डीफुसिंग दस्ते के हाथ कुछ नहीं लगा तो पुलिस ने फोन नंबर की पड़ताल की। पुलिस जाँच में सामने आया कि पास के ही विनायक नगर के एक किराना दुकानदार के फोन नंबर से यह कॉल की गई थी। ये कॉल दुकानदार के 12 साल के बेटे ने की थी जो अपने दोस्त के साथ पब जी गेम खेल रहा था और उस समय उसका दोस्त अपने परिवार के साथ यलहंका रेलवे स्टेशन पर काचेगुड़ा एक्सप्रेस ट्रेन में सवार था। 
आपको बता दें कि पब जी गेम में डूब चुका और बम की अफवाह देने वाला 12 साल का बच्चा कुछ देर और खेलने के लिए चाहता था कि उसका दोस्त उसके साथ और खेले पर अगर ट्रेन चल दी तो उसके दोस्त को नेटवर्क नहीं मिलेगा। ऐसे में उसने एक फोन कॉल कर ट्रेन को रोक लिया। पुलिस ने 12 साल के बच्चे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और उसे चेतावनी देकर छोड़ दिया। हालांकि बम स्क्वॉड द्वारा क्लियरेंस सर्टिफिकेट देने के बाद ही ट्रेन की आवाजाही शुरू हो सकी।
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