पश्चिम रेलवे : निरस्त हुआ कोरोना काल में शुरू ये नियम, एक जुलाई से कर सकेंगे अनारक्षित टिकट पर यात्रा

पश्चिम रेलवे : निरस्त हुआ कोरोना काल में शुरू ये नियम, एक जुलाई से कर सकेंगे अनारक्षित टिकट पर यात्रा

कोरोना काल की वजह से यह व्यवस्था बंद कर दी गई थी, लाकडाउन खत्म होने के बाद से ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ तो सामान्य कोच में भी आरक्षित टिकट पर यात्रा करने की अनिवार्यता लागू हुई

देश में रोजाना तकरीबन 23 मिलियन लोग ट्रेन से सफर करते हैं इसी कड़ी में इंडियन रेलवे अपने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त सुविधाएं मुहैया करवाता है। ऐसे में भारतीय पश्चिम रेलवे एक विशेष सेवा को फिर से शुरू कर रहा है। कोरोना काल में बहुत सारे नियमों में परिवर्तन आया था। इनमें से एक अनारक्षित टिकट पर यात्रा करना भी था। कोरोना काल में लोगों की सेहत को देखते हुए जरनल यात्रा या अनारक्षित टिकट पर होने वाली यात्राओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। अब इस पर पश्चिम रेलवे ने बड़ा फैसला लिया है।
जानकारी के अनुसार इस माह के शुरुआत यानी एक जुलाई से सभी ट्रेनों के सामान्य कोच में अनारक्षित टिकट पर यात्रा करने की सुविधा शुरू कर दी गई है। रेलवे ने कोरोना काल में शुरू इस नियम को निरस्त करने जा रहा है और अब जनरल कोच में रिजर्वेशन कराने की जरूरत नहीं रहेगी। सभी ट्रेनों में बिना रिजर्वेशन स्टेशन व ऑटोमैटिक टिकट वेडिंग मशीन से जनरल टिकट लेकर सीधे यात्रा कर सकेंगे।
जानकारी के अनुसार सभी ट्रेन के सामान्य कोच में पूर्व आरक्षित सीटों की समय सीमा खत्म हो रही है, यानी अनारक्षित टिकट लेकर सामान्य कोच में यात्रा करने पर जुर्माना नहीं देना होगा। कोरोना काल की वजह से यह व्यवस्था बंद कर दी गई थी, लाकडाउन खत्म होने के बाद से ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ तो सामान्य कोच में भी आरक्षित टिकट पर यात्रा करने की अनिवार्यता लागू हुई। इसके चलते यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही थी। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर के अनुसार पश्चिम रेलवे से छूटने वाली मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों का विवरण जिनमें द्वितीय श्रेणी के सीटिंग कोचों (2S कोच) को 1 जुलाई, 2022 से अनारक्षित किए जा रहे हैं। इसके अलावा उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए गैर-उपनगरीय खंड में सीजन टिकट धारकों को केवल विनिर्दिष्ट मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के अनारक्षित डिब्बों में यात्रा करने की अनुमति दी गई है। अगर कोई सीजन टिकट धारक यात्री गैर-निर्दिष्ट मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रा करते हुए पाया जाता है, तो उसे बिना टिकट माना जाएगा और इस संबंध में मौजूदा नियमों के अनुसार शुल्क लिया जाएगा।
पिछले दिनों रेलवे बोर्ड ने आदेश जारी कर ट्रेनों में जनरल टिकट व्यवस्था लागू करने के लिए कहा था, लेकिन तब समस्या यह सामने आई कि अग्रिम आरक्षण समय सीमा 120 दिन होने के कारण लोगों के पास पहले से ही आगे के दिनों के आरक्षित टिकट थे। अब यह अवधि खत्म हो रही है। पश्चिम मध्य रेलवे से चलने वाली सभी ट्रेनों में जनरल टिकट पर यात्रा शुरू हो जाएगी। कोरोना काल के बाद से लगभग सभी ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया। अभी तक रिजर्वेशन टिकट पर ही यात्रियों को यात्रा की सुविधा दी जा रही। फिलहाल कुछ ट्रेनों में जनरल टिकट से शुरू किए जाने से रेलवे का राजस्व बढ़ा है, लेकिन अब जब सभी ट्रेनों में जनरट टिकट शुरू होगें तो निश्चित रूप से राजस्व बढ़ेगा।