वोडाफोन-आइडिया संकट : कंपनी के बंद होने से बैंकों और ग्राहकों पर संकट के बादल

वोडाफोन-आइडिया संकट : कंपनी के बंद होने से बैंकों और ग्राहकों पर संकट के बादल

वोडाफोन-आईडिया पर फिलहाल 1.80 लाख करोड़ रुपये का कर्ज, 28 करोड़ मोबाइल ग्राहक पर भी पड़ेगा असर

भारत का दूरसंचार क्षेत्र इन दिनों चर्चा में है, और विशेष रूप से बाजार में वोडाफोन-आइडिया के भविष्य को लेकर अटकलें तेज हैं। बढ़ते घाटे और कोई नया निवेश नहीं होने से कंपनी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। यहां तक कि कंपनी के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में अगर कंपनी बंद हो जाती है तो इसका असर देश के 28 करोड़ ग्राहकों के साथ-साथ देश के आठ सबसे बड़े बैंकों पर पड़ेगा।
आपको बता दें कि वोडाफोन-आईडिया पर फिलहाल 1.80 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। जो कंपनी द्वारा विभिन्न रूपों में ऋण के रूप में ली गई राशि है। जिसमें बैंक भी शामिल हैं। अब अगर कंपनी बंद हो जाती है, तो बैंकों को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान होगा।
जिन बैंकों ने Vodafone Idea को कर्ज दिया है, उनके आंकड़े निम्नलिखित हैं:
आईडीएफसी : 3240 करोड़
यस बैंक : 4000 करोड़
पीएनबी : 3000 करोड़
एसबीआई : 11000 करोड़
आईसीआईसीआई : 1700 करोड़
एक्सिस बैंक : 1300 करोड़
एचडीएफसी बैंक : 1000 करोड़
इंडसइंड बैंक : 3500 करोड़

बैंक के साथ साथ कंपनी के बंद होने का असर इनके 28 करोड़ मोबाइल ग्राहकों पर भी पड़ेगा। कंपनी बंद होने पर इन ग्राहकों के फोन नंबर भी ब्लॉक कर दिए जाएंगे। हालांकि, ये स्पष्ट है कि इससे जियो और एयरटेल जैसी कंपनियों को फायदा होगा। वोडाफोन आइडिया के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने सरकार को कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचने की पेशकश की थी। सरकार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और उन्होंने इस्तीफा दे दिया, जिससे अटकलें लगाई गईं कि कंपनी बंद हो जाएगी। हालांकि कंपनी के सीईओ ने अपने कर्मचारियों को आश्वस्त किया है कि घबराने की जरूरत नहीं है और स्थिति नियंत्रण में है। आइडिया और वोडाफोन का हाल ही में विलय हुआ है और नए फंड जुटाने के कंपनी के प्रयास विफल रहे हैं कंपनी लगातार घाटे में चल रही है और उस पर 1.80 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है।