वडोदरा : देवाधिदेव महादेव पर विवादित टिप्पणी करने वाले स्वामीनारायण संत ने मांगी माफी

वडोदरा : देवाधिदेव महादेव पर विवादित टिप्पणी करने वाले स्वामीनारायण संत ने मांगी माफी

आनंदसागर स्वामी की भगवान शिव पर विवादित टिप्पणी का मामला अब चर्चा का विषय बन गया है

आनंदसागर स्वामी की भगवान शिव पर विवादित टिप्पणी का मामला अब चर्चा का विषय बन गया है। भगवान शिव के बारे में अनुचित टिप्पणी करने के बाद, आनंदसागर स्वामी को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने अपनी गलती स्वीकार कर ली। इतना ही नहीं प्रबोध स्वामी को सजा के तौर पर सात दिन का मौन और उपवास रखने का आदेश दिया गया है। गौरतलब है कि आनंदसागर स्वामी हरिधाम सोखड़ा के प्रबोध स्वामी समूह के स्वामी हैं। 
उन्होंने अमेरिका में ऐसा लेक्चर दिया, जिसका वीडियो विवाद के चलते वायरल हो गया। उन्होंने प्रबोध स्वामी को महादेव से भी बड़ा स्वामी बताया। इस बात का ऐलान कर भक्तों की भावनाएं आहत हुईं। आनंदसागर स्वामी ने एक नया वीडियो जारी कर माफी मांगी है।

शिव भक्तों ने किया विरोध


गत रोज राजकोट में आनंदसागर स्वामी का एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें आनंदसागर स्वामी द्वारा भगवान शिव के बारे में अनुचित टिप्पणी करने पर विवाद खड़ा हो गया था। आनंदसागर स्वामी का यह वीडियो वायरल हुआ तो ब्रह्म समाज ने इस बयान पर रोष जताया। आनंदसागर स्वामी के खिलाफ विभिन्न जिलों में पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की धमकी दी गई। ब्रह्म समाज द्वारा सनातन धर्म को बदनाम करने और शास्त्रों में वर्णित नहीं होने का आरोप लगाया गया था। तब आनंदसागर स्वामी, जिन्होंने भगवान महादेव के बारे में टिपप्णी की थी, को प्रबोध स्वामी द्वारा दंड के रूप में मौन रहने का आदेश दिया गया है।

अपनी गलती मानी और माफ़ी मांगी


आनंदसागर स्वामी ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा कि जब यह अवसर आया तो प्रबोध स्वामी को शिविर के दौरान सख्त निर्देश देते हुए उन्हें शिविर दरम्यान मौन रखने को कहा। उसके बाद मुझे सजा के तौर पर सात दिन का उपवास भी दिया गया। मेरे भाषण से भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। इसलिए मैं सनातन धर्म के भक्तों, शिव के भक्तों से हृदय से क्षमा चाहता हूँ।

आनंदसागर स्वामी ने भगवान शिव के बारे में क्या कहा था...


वीडियो में आनंदसागर स्वामी कह रहे हैं कि निशीथभाई मेन गेट जो कि झांपो है, वहां गए थे। गेट बंद था और शिवाजी गेट के बाहर खड़े थे। निशीथभाई ने मुझे बताया कि हम चित्र में कैसे देखते हैं ... जैसे शिवजी जटावाला खड़े थे, नाग कुंडलित, रुद्राक्ष पहने हुए, त्रिशूल व्यवस्थित खड़े थे। तब निशीथभाई ने प्रार्थना की कि यदि आप यहां तक आए हैं, तो अंदर आएं और आपको प्रबोध स्वामी जी के दर्शन होंगे। तब शिवाजी ने उनसे कहा, "प्रबोध स्वामी का मुझे दर्शन हो ऐसा मेरा पूण्य जागृत नहीं हुआ है, लेकिन मुझे तुम्हारा दर्शन हो गया यह मेरा अहोभाग्य है। " इतना कहकर शिवजी ने  निशीथभाई के चरण स्पर्श किया और वहां से चले गए। 
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