वडोदरा : सोखड़ा के गुनातीत स्वामी की मृत्यु हार्ट अटैक से नहीं, खुदखुशी से हुई थी; जानिए कैसे भेद खुला

वडोदरा : सोखड़ा के गुनातीत स्वामी की मृत्यु हार्ट अटैक से नहीं, खुदखुशी से हुई थी; जानिए कैसे भेद खुला

सोखड़ा हरिधाम के गुनातीत स्वामी की मृत्यु के बारे में एक बड़ा खुलासा हुआ है। पिछले दिन स्वामीजी की मृत्यु हार्ट अटैक से मृत्यु हुये होने के समाचार के बिलकुल विपरीत स्वामीजी की मृत्यु प्राकृतिक कारणों से नहीं पर आत्महत्या के कारण हुये होने का खुलासा हुआ है। कई हरिभक्तों के स्वामीजी की मृत्यु के बारे में शंका व्यक्त करने पर स्वामीजी की अंतिम क्रिया रोक दी गई थी और उनके पार्थिव देह को वडोदरा की सयाजीराव अस्पताल में भेजा गया था। 
अस्पताल में स्वामीजी के पार्थिव देह का पोस्टमोर्टम किया गया, जिसमें सामने आया कि उनकी मृत्यु फांसी के चलते हुई थी। पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट सूरत भेजने के बाद उनके पार्थिव देह को पुन: सोखड़ा भेजने की तैयारी की गई थी। उल्लेखनीय है कि स्वामीजी की इस तरह से अचानक मृत्यु के चलते हरिभक्तों ने डीएसपी को आवेदन किया था। जिसके चलते पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की थी और इसी जांच में उनकी मृत्यु के बारे में यह बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस द्वारा स्वामीजी के कमरे के बाहर के सीसीटीवी फुटेज भी जप्त किए गए थे। जिससे की इसके पीछे कोई आपराधिक षड्यंत्र है या नहीं इसका पता लगाया जा सके।
पुलिस द्वारा आत्महत्या के मामले में प्रभु प्रिय स्वामी, गुनातीत स्वामी के परिजन तथा मंदिर के सेवकों से पूछताछ शुरू की है। जिसमें सामने आया कि वह पिछले कई समय से डिप्रेशन में थे और कई बार भगवा वस्त्र त्याग कर संसार में वापिस आने का निर्देश दे रहे थे। गुनातीत स्वामी ने साल 1979 में दीक्षा ली थी और सालों से सोखड़ा हरिधाम में दीक्षा ले रहे है। स्वभाव से सरल तथा भक्तिभाव में मानने वाले स्वामीजी हमेशा ही लोगों की सेवा को प्राथमिकता देते थे। ऐसे में उनके ऐसे आकस्मिक निधन से लोगों में भी काफी दुख फैला हुआ है।