वड़ोदरा : बिना जरूरत के कोविड मरीजों को भर्ती करने वाले अस्पतालों के खिलाफ होगी कार्रवाई

वड़ोदरा : बिना जरूरत के कोविड मरीजों को भर्ती करने वाले अस्पतालों के खिलाफ होगी कार्रवाई

बिना किसी जरूरत के अस्पताल में दाखिल रहकर मेडिक्लेम पास करवाने की हो रही है साजिश

राज्य में कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे है। ऐसे में सरकार ने भी केसों को कम करने और नियंत्रण में लाने के लिए पूरी तरह से कमर कंस ली है। इसी बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने निजी अस्पतालों में बिना किसी जरूरत के कोविड मरीजों के भर्ती करके रखने वाले अस्पतालों के खिलाफ कार्यवाही करने का आदेश दिया था। नितिन पटेल के इसी आदेश पर रविवार को 10 निरीक्षण टीम की निमणुक कर दी गई है। जो निजी अस्पतालों में जाकर कोरोना के कारण भर्ती मरीजों की स्थिति की जांच करेगी। 
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस टीम में मेडिकल कॉलेज के 20 सीनियर डॉक्टर और प्रोफेसरों को शामिल किया गया है। कोरोना की स्पेशल ड्यूटी पर तैनात डॉ. विनोद राव ने बताया कि निजी अस्पतालों का परीक्षण शुरू हो चुका है। वह यह सुनिश्चित करेंगे की जिन लोगों को अस्पताल में दाखिल करने की जरूरत हो वहीं अस्पताल में भर्ती रहे। अन्यथा उन्हें घर पर ही क्वारंटाइन के साथ संजीवनी अभियान के तहत उपचार देने की व्यवस्था प्रदान की जाएगी। जो अस्पताल इस नियमों का भंग करती हुई मालूम पड़ेगी, उन्हें डिजास्टर एक्ट और एपीड़ेमिक एक्ट के तहत कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा। 
इसके पहले शनिवार को नितिन पटेल ने कहा था कि वह एक कमिटी की रचना करेंगे। जो यह सुनिश्चित करेंगे की अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों को सच में बहरती करने की आवश्यकता है या नहीं। जिन मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं होंगी उसे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। जिससे की अधिक से अधिक लोगों जरूरतमंद लोगों की अस्पताल की सेवा का लाभ मिल सके। पटेल ने कहा कि उनकी नजर में आया है की कई मरीज और अस्पताल मिलकर मात्र अपने मेडीक्लेम के पैसे पाने के लिए बिना किसी जरूरत के अस्पताल में भर्ती है। ऐसे में उन सभी पर कार्यवाही की जाएगी।