वडोदरा: अपनी निजी जासूसी एजेंसी चलाने के लिए साइबर क्राइम सेल का एक कांस्टेबल हुआ निलंबित

वडोदरा: अपनी निजी जासूसी एजेंसी चलाने के लिए साइबर क्राइम सेल का एक कांस्टेबल हुआ निलंबित

पुलिस कमिश्नर ने दिए पुलिस कांस्टेबल के खिलाफ जांच के आदेश

वडोदरा में साइबर क्राइम सेल में काम करने वाले एक पुलिस कांस्टेबल को एक निजी जासूसी एजेंसी चलाने के लिए निलंबित कर दिया गया है। इसके बाद शहर के पुलिस कमिश्नर शमशेर सिंह ने पुलिस कांस्टेबल के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।
आपको बता दें कि कुछ समय पहले साइबर सेल में तैनात पुलिस कांस्टेबल जिसका नाम निहिर जोशी है, उसे एक निजी जासूसी संस्था चलाने के आरोप में दोषी पाया गया है। पुलिस विभाग को जोशी के दुसरे व्यवसाय के बारे में तब पता चला जब एक नागरिक ने इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। जोशी ने इस आदमी को साइबर धोखाधड़ी के मामले में ‘अतिरिक्त मदद’ करने की पेशकश की थी। पुलिस आयुक्त शमशेर सिंह ने इस मामले में बताया कि जोशी ने शिकायतकर्ता को एक बैंक खाते में कुछ पैसे जमा करने के लिए कहा जो अंत में जोशी के निजी जासूसी एजेंसी का बैंक खाता निकला और इससे सारा मामला सामने आया।
इसके बाद मामले की जाँच करने पर पता चला कि साइबर सेल के कांस्टेबल जोशी और उसका एक दोस्त एक जासूसी एजेंसी चला रहे थे और ये लोग उन लोगों की मदद करते जो किसी साइबर अपराध या ऑनलाइन ठगी के शिकार बने हो। कांस्टेबल जोशी पीड़ितों से वादा करता था कि वह उन्हें उनके पैसे वापस दिलाएगा। जोशी इसके लिए लोगों से पैसे लेता था। टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बात करते हुए  पुलिस कमिश्नर शमशेर सिंह ने कहा कि एक पुलिस वाले के रूप में कोई भी पुलिसवाला इस तरह की गतिविधियों से जुड़ा नहीं हो सकता है।
इसके आगे उन्होंने कहा कि पूछताछ खत्म होने के बाद जोशी के खिलाफ कार्रवाई किए जाने का निर्णय लिया जाएगा। पुलिस ने कहा कि अभी तक एजेंसी में जोशी ही इसमें शामिल पाए गए हैं। साइबर क्राइम सेल को हर साल ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी के संबंध में सैकड़ों आवेदन मिलते हैं। लेकिन एक लाख रुपये से कम की सभी साइबर धोखाधड़ी की शिकायतों की जांच अब स्थानीय पुलिस स्टेशनों द्वारा की जाती है।
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